इंजेक्शन की कीमत ज्यादा
जानकारी अनुसार ऑपरेशन के बाद राकेश को करीब एक महीने तक इंजेक्शन लगना है। अव्वल तो चिकित्सकों की ओर से बताया गया इंजेक्शन प्रदेश में नहीं मिला लेकिन उसके विकल्प के रूप में बाजार में मौजूद इंजेक्शन का इस्तेमाल किया गया। हालांकि इंजेक्शन की कीमत भी ज्यादा बताई जा रही है।
दूसरे रोगी का ऑपरेशन टला अजमेर. कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस के मरीज आने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया है। जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में ब्लैंक फंगस के एक मरीज की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद विभाग ने ऑपेशन का निर्णय टाल दिया। शनिवार को दूसरे ब्लैक फंगस के मरीज का ऑपरेशन किया जाना था लेकिन ऑपरेशन पूर्व करवाई गई कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई।
क्या है ब्लैक फंगस ब्लैक फंगस सामान्य फंगस से कुछ अलग होता है। यह शरीर में अंदर ही अंदर बढ़कर टिश्यू को खत्म कर देता है। चिकित्सकों के अनुसार स्टेरॉयड अधिक उपयोग में लेने वाले, डायबिटीज के मरीज, अधिक समय तक कैन्युला लगा होने की स्थिति में ब्लैंक फंगस बीमारी होने का खतरा रहता है। कई बार ऑपरेशन के बाद घाव भरने में परेशानी उत्पन्न हो जाती है।
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77 की उम्र में हिम्मत और संतुिलत आहार से हार गया कोरोना इनका कहना है…कोतवाली थाने का सिपाही राकेश कुमार को माइल्ड फंगल इन्फेक्शन था। शनिवार को ऑपरेशन हो गया है। स्थिति कन्ट्रोल में है। परिजन से बात हुई है। उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। पुलिस के जवान स्वेच्छा से आर्थिक मदद कर रहे हैं।
जगदीशचन्द्र शर्मा, एसपी