जिला प्रशासन के नेतृत्व में एनडीआपएफ, सिविल ढिफेन्स और हिन्दुस्तान जिंक का राहत एवं बचाव दल शुक्रवार शाम से ही श्रमिक को निकालने के प्रयास में जुटा हुआ था। करीब 30 घंटे से भी अधिख समय से लगातार बचाव कार्य के बावजूद श्रमिक को बचाया नहीं जा सका।
लीजसुदा खदान में श्रमिक जीतराम गुर्जर को रविवार सुबह करीब 10 बजे शव नजर आया। बाद में राहत दल की ओर से शव को बाहर निकाल लिया गया। इससे पूर्व हादसे के दौरान दूसरे श्रमिक (पोकलेन मशीन ऑपरेटर) को तुरंत बाहर निकाल लिया गया था।
पहले भी हो चुका है हादसा
बोराडा-अरांई क्षेत्र में पहले भी खान में हादसे हो चुके हैं। यहां गहरी खान में गिरकर कई मजदूर घायल हो चुके हैं। इसके अलावा अवैध खनन को रोकने के प्रयास नहीं हो रहे हैं।
बोराडा-अरांई क्षेत्र में पहले भी खान में हादसे हो चुके हैं। यहां गहरी खान में गिरकर कई मजदूर घायल हो चुके हैं। इसके अलावा अवैध खनन को रोकने के प्रयास नहीं हो रहे हैं।