विद्यालयों पर लाखों का कर्जा, न खाने का, न पकाने का मिल रहा पैसा
अजमेरPublished: Sep 22, 2022 01:52:09 am
- उधारी से पक रहा पोषाहार, संस्था प्रधानों की नहीं हो रही सुनवाई - मानदेय को तरस रहे ढाई हजार कुक कम हेल्पर
जिले में योजना के तहत विद्यालय - 1172
कुल नामांकन- 176776
कक्षा पहली से पांचवीं तक - 115135
कक्षा छठी से आठवीं तक - 61641
4.97 रुपए सामग्री की राशि प्रति विद्यार्थी पांचवीं तक
7.45 रुपए सामग्री की राशि प्रति विद्यार्थी आठवीं तक


विद्यालयों पर लाखों का कर्जा, न खाने का, न पकाने का मिल रहा पैसा
धौलपुर. सरकारी स्कूलों में चल रही विद्यार्थियों की पोषाहार योजना उधारी की भेंट चढ़ गई है। स्कूलों को न सामग्री की राशि मिल रही और ना ही रसोइयों को मानदेय दिया जा रहा है। करीब छह माह से सरकार ने स्कूलों को मिड-डे मील की सामग्री का बजट नहीं नहीं दिया है। धौलपुर जिले ही नहीं प्रदेश में यही स्थिति बनी हुई है। ऐसे में स्कूल का पोषहार शिक्षक उधारी में सामग्री लाने को मजबूर हैं। अकेले धौलपुर जिले में कुकिंग कन्वर्जन व कुक कम हेल्पर के लाखों रुपए बकाया चल रहा है। इसमें कुकिंग कन्वर्जन का भी लाखों रुपए बकाया है, जिसको लेकर शिक्षक असमंजस में बना हुए हैं कि आखिर पैसा आएगा तो कब। कुक कम हेल्पर को भी मानदेय नहीं मिलने से घर में आर्थिक किल्लत की वजह से चूल्हा जलाना मुश्किल हो गया है। हालांकि, हाल ही में बसेड़ी ब्लॉक के कुक कम हेल्पर का सितंबर तक के मानदेय का भुगतान कर दिया गया है। वहीं, और राजाखेड़ा ब्लॉक में जुलाई तक का भुगतान किया है। शेष ब्लॉक में फिलहाल भुगतान नहीं हो पाया है। बता दें, राष्ट्रीय पोषाहार कार्यक्रम का संचालन कक्षा पहली से आठवीं के बालक-बालिकाओं के लिए किया जाता है। कोरोना संक्रमण काल में विद्यार्थियों को खाद्यान्न के पैकेट दिए थे। विद्यालय नियमित खुलने के साथ ही योजना के अन्तर्गत पोषाहार विद्यालयों में देना आरंभ किया, लेकिन समय पर राशि का भुगतान नहीं होने से अब संकट बढ़ गया है और योजना का क्रियान्वयन उधारी के भरोसे हो रहा है। जिले के अधिकतर स्कूलों में अप्रेल से ही बकाया चल रहा बताया है।