सभी बंगाली मजदूर दोमंजिला भवन में बंद सभी निर्माण श्रमिक हैं, जबकि महिलाएं घरों में काम करती हैं। भवन के हर कमरे में तीन से पांच लोग रहते हैं। भवन में रह रहे कादिर खान, नइमुद्दीन, शकूर शेख ने बताया कि वे सभी कोलकाता निवासी हैं। जब से लॉकडाउन हुआ, भवन मालिक हरीश तेजवानी ने मुख्यद्वार पर ताला लगाकर सभी को बंद कर दिया।
खाने की व्यवस्था भी नहीं पूरी श्रमिकों का कहना था कि वे बिना दूध की चाय पी रहे हैं। खाने की व्यवस्था भी पूरी नहीं है क्योंकि बाहर नहीं निकल पा रहे। उनका कहना था कि कोई काम होने पर उन्हें हरीश को फोन करना पड़ता है। कई बार वो फोन नहीं उठाता है। इस समूह में गोद के बच्चों से लेकर साठ साल तक के लोग पिछले कई सालों से किराए से रह रहे हैं।
कई बच्चे बीमार श्रमिकों का कहना है कि उनके कई बच्चे बीमार हैं। उनके पास अब तक कोई मेडिकल टीम नहीं पहुंची हैं। यदि देर रात को मेडिकल सहायता की जरूरत हो तो मुश्किल खड़ी हो सकती है।
फेस मास्क तक नहीं हरीश के भाई महेश का कहना था कि जरूरत के हिसाब से ताला खोला जाता है, क्योंकि किसी को पुलिस ने पकड़ लिया तो कौन छुड़ाने जाएगा। इसलिए मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया गया है। आसपास के लोगों का कहना था कि यह सभी लोग एक साथ रहते हैं। इनके पास फेस मास्क भी नहीं हैं। मेडिकल टीम की ओर से इन सभी की जांच होनी चाहिए, क्योंकि कोरोना से बचाव के साधन भवन स्वामी ने उपलब्ध नहीं कराए हैंं।