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भगवान करते हैं अजमेर में सरकारी स्कूल की सुरक्षा, ना सिक्योरिटी गार्ड ना कोई जांच

locationअजमेरPublished: Nov 17, 2017 08:54:21 am

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

मुख्य परिसर के मध्य न तो कोई रोकने वाला होता है न नजर रखने वाला। विद्यालयों में क्लोज सर्किट टीवी कैमरे भी नहीं हैं।

no security check in govt schools ajmer

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चंद्रप्रकाश जोशी/अजमेर।

शहर के कई निजी एवं सरकारी स्कूलों में अभी भी सुरक्षा के इंतजाम पर्याप्त नहीं है। प्रवेश द्वार से लेकर मुख्य परिसर के मध्य न तो कोई रोकने वाला होता है न नजर रखने वाला। यहां तक कि कई विद्यालयों में तो क्लोज सर्किट टीवी कैमरे भी नहीं हैं।
कुछ प्राइवेट स्कूलों में अब गार्ड के साथ निगरानी एवं प्रवेश करने वालों की एंट्री की जा रही है, मगर सभी में आज भी नहीं है। सरकारी स्कूलों की स्थिति तो ऐसी है कि सहायक कर्मचारी ही पूरे नहीं तो सुरक्षा गार्ड की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।
डूंगरपुर के सरकारी स्कूल में गोली चलने की घटना के बाद राजस्थान पत्रिका ने शहर के सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में पड़ताल कर व्यवस्थाएं खंगालने की कोशिश की मगर सभी जगह अमनोचैन की स्थिति नजर आई।
केस : 1
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गांधीभवन में दोपहर करीब 2.15 बजे प्रवेश द्वार खुला मिला। अंदर प्रवेश किया तो न तो सुरक्षा गार्ड न ही कोई टोकने वाला था। दूसरे छोर पर पीछे मैदान में छात्र-छात्राओं के अलग-अलग समूह खेल-कूदने में व्यस्त थे। यहां कोई शिक्षक-शिक्षिका मौजूद नहीं था।
केस : 2

राजकीय सीनियर सैकण्डरी स्कूल तोपदड़ा में प्रवेश द्वार आधा खुला मिला, यहां भी कुछ बच्चे बेरोकटोक अंदर बाहर आ जा रहे थे। प्रवेश के दौरान भी कुछ महिलाओं को किसी ने नहीं रोका। बाद में वे एक छात्र के साथ वापस बाहर आ गई। साइकिल पर बैठकर बच्चे को रवाना होने पर भी किसी नहीं टोका।
केस : 3 राउमावि रामनगर में भी प्रवेश द्वार खुला मिला। गेट पर किसी की ड्यूटी नहीं थी। सीधा अंदर प्रवेश करने पर भी किसी ने नहीं टोका। हालांकि स्कूल के बरामदे से सटे मैदान में गीत-संगीत के कार्यक्रम के चलते स्टाफ व्यस्त नजर आया।
प्राइवेट में कहीं एंट्री, कहीं नहीं
शहर के कोटड़ा आवासीय कॉलोनी स्थित एक प्राइवेट स्कूल में प्रवेश द्वार पर ही रजिस्टर में एंट्री के लिए गार्ड नियुक्त मिला। वैशालीनगर रोड पर स्थित एक प्राइवेट स्कूल का द्वार बंद मिला। गार्ड ने किससे मिलना है, क्या काम है? आदिसवाल किए। मगर प्राइवेट स्कूलों में भी अधिकांश में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। वहीं सरकारी स्कूलों में प्रवेश पर किसी तरह की कोई एंट्री नहीं मिली।
भामाशाहों की मदद से लगे कैमरे
अजमेर जिले की सरकारी स्कूलों में भी अब सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था भामाशाहों की मदद से की जाने लगी है। ब्यावर, नसीराबाद, मसूदा सहित शहर के आसपास के दो-तीन सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
सभी सरकारी स्कूलों में अग्निशमन यंत्र
अजमेर ही नहीं बल्कि जिले की अधिकांश सरकारी स्कूलों में अग्निशमन यंत्र उपलब्ध करवाए गए हैं। सरकार की ओर से अग्निशमन यंत्र का बजट भी दिया गया।

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