दस साल तक हो सकेगी कटौती
प्रस्तावित नए नियम में पेंशनर्स से अधिकतम दस साल तक पेंशन में से कटौती करने का प्रावधान रखा गया है। ऐसे में पेंशनर्स को दस साल में मेडिकल सुविधा के लिए 30 हजार से लेकर 1.20 लाख रुपए की कटौती करवानी होगी। जबकि दस साल के बाद सरकार कटौती नहीं करेगी। इसके अलावा 75 साल या उससे अधिक आयु वाले पेंशनर्स को भी कटौती से छूट मिलेगी।
प्रस्तावित नए नियम में पेंशनर्स से अधिकतम दस साल तक पेंशन में से कटौती करने का प्रावधान रखा गया है। ऐसे में पेंशनर्स को दस साल में मेडिकल सुविधा के लिए 30 हजार से लेकर 1.20 लाख रुपए की कटौती करवानी होगी। जबकि दस साल के बाद सरकार कटौती नहीं करेगी। इसके अलावा 75 साल या उससे अधिक आयु वाले पेंशनर्स को भी कटौती से छूट मिलेगी।
इसलिए हो रहा विरोध
पेंशनर्स का कहना है कि नौकरी के समय राजस्थान पेंशनर्स मेडिकल रिलीफ फंड (आरपीएमएफ) के तहत कटौती की जाती है। उन्होंने भी अपने सेवाकाल के 20 से 30 या उससे अधिक सालों तक यह कटौती झेली है। ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद सरकार पेंशन से कटौती नहीं कर सकती है।
पेंशनर्स का कहना है कि नौकरी के समय राजस्थान पेंशनर्स मेडिकल रिलीफ फंड (आरपीएमएफ) के तहत कटौती की जाती है। उन्होंने भी अपने सेवाकाल के 20 से 30 या उससे अधिक सालों तक यह कटौती झेली है। ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद सरकार पेंशन से कटौती नहीं कर सकती है।
सरकार क्यों करना चाहती है कटौती
सूत्रों का कहना है कि राज्यकर्मियों और पेंशनर्स को सीजीएचएस में निर्धारित दर 80 फीसदी के स्थान पर 100 फीसदी पुनर्भरण प्रस्तावित है। 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारी आरपीएमएफ में शामिल नहीं है। इसके साथ ही करीब 25 हजार कर्मचारी हर वर्ष सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में आरपीएमएफ पर निर्भरता तो बढ़ रही है, लेकिन फंड लगातार कम हो रहा है।
सूत्रों का कहना है कि राज्यकर्मियों और पेंशनर्स को सीजीएचएस में निर्धारित दर 80 फीसदी के स्थान पर 100 फीसदी पुनर्भरण प्रस्तावित है। 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारी आरपीएमएफ में शामिल नहीं है। इसके साथ ही करीब 25 हजार कर्मचारी हर वर्ष सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में आरपीएमएफ पर निर्भरता तो बढ़ रही है, लेकिन फंड लगातार कम हो रहा है।
बोझ बनेगी कटौती
-सरकार जल्दबाजी में सीजीएचएस लागू करना चाहती है। पेंशनर्स ने सेवाकाल के दौरान आरपीएमएफ में अंशदान दिया है तो अब पेंशन में से कटौती क्यों करवाए। वैसे भी एक लाख से अधिक की तो मेडिकल डायरी बनी ही नहीं है। ऐसे में यह कटौती बेवजह बोझ बनेगी। योजना लाखों पेंशनर्स से जुड़ी हुई है। इसलिए पेंशनर्स की राय जानना जरूरी है। हमने सरकार से छह माह का समय और बढ़ाने की मांग की है।
भानुस्वरूप गोस्वामी, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान पेंशनर्स समाज
-सरकार जल्दबाजी में सीजीएचएस लागू करना चाहती है। पेंशनर्स ने सेवाकाल के दौरान आरपीएमएफ में अंशदान दिया है तो अब पेंशन में से कटौती क्यों करवाए। वैसे भी एक लाख से अधिक की तो मेडिकल डायरी बनी ही नहीं है। ऐसे में यह कटौती बेवजह बोझ बनेगी। योजना लाखों पेंशनर्स से जुड़ी हुई है। इसलिए पेंशनर्स की राय जानना जरूरी है। हमने सरकार से छह माह का समय और बढ़ाने की मांग की है।
भानुस्वरूप गोस्वामी, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान पेंशनर्स समाज