scriptपेंशनर्स से हर माह 250-1000 रुपए तक कटौती की तैयारी में राज्य सरकार | State Government to cut 250-1000 rupees every month from pensioners | Patrika News

पेंशनर्स से हर माह 250-1000 रुपए तक कटौती की तैयारी में राज्य सरकार

locationजयपुरPublished: Jan 20, 2018 11:44:51 am

Submitted by:

dinesh

चिकित्सा सुविधाएं और पुनर्भरण को शत-प्रतिशत करने के नाम पर होगी वसूली…

pensioners
जयपुर। राज्य सरकार चिकित्सा बिलों के सौ फीसदी पुनर्भरण के नाम पर अब लाखों पेंशनर्स की जेब से 250 से 1000 रुपए तक प्रतिमाह निकालने की तैयारी कर रही है। सरकार प्रदेश में सेन्ट्रल गर्वमेन्ट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) को लागू करना चाहती है। इसके तहत सरकार ने लेवल 1 से 12 और उससे अधिक के पे-मैट्रिक्स वाले सभी कार्मिक और पेंशनर्स से 250 से लेकर 1000 रु पए प्रति माह पेंशन से कटौती का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए सरकार राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम 2013 चिकित्सा सुविधाएं और पुनर्भरण में संशोधन करना चाहती है। उधर, पेंशनर्स का कहना है कि नौकरी के दौरान आरपीएमएफ में कटौती हो चुकी है तो फिर अब क्यों भुगतान करें। सरकार ने राजस्थान पेंशनर्स समाज के पदाधिकारियों से सहमति लेनी चाही, लेकिन उन्होंने इस पर पेंशनर्स का बहुमत होने पर ही सहमति देने की बात कही। इसके लिए पेंशनर्स ने करीब 6 माह का वक्त मांगा है।
दस साल तक हो सकेगी कटौती
प्रस्तावित नए नियम में पेंशनर्स से अधिकतम दस साल तक पेंशन में से कटौती करने का प्रावधान रखा गया है। ऐसे में पेंशनर्स को दस साल में मेडिकल सुविधा के लिए 30 हजार से लेकर 1.20 लाख रुपए की कटौती करवानी होगी। जबकि दस साल के बाद सरकार कटौती नहीं करेगी। इसके अलावा 75 साल या उससे अधिक आयु वाले पेंशनर्स को भी कटौती से छूट मिलेगी।
इसलिए हो रहा विरोध
पेंशनर्स का कहना है कि नौकरी के समय राजस्थान पेंशनर्स मेडिकल रिलीफ फंड (आरपीएमएफ) के तहत कटौती की जाती है। उन्होंने भी अपने सेवाकाल के 20 से 30 या उससे अधिक सालों तक यह कटौती झेली है। ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद सरकार पेंशन से कटौती नहीं कर सकती है।
सरकार क्यों करना चाहती है कटौती
सूत्रों का कहना है कि राज्यकर्मियों और पेंशनर्स को सीजीएचएस में निर्धारित दर 80 फीसदी के स्थान पर 100 फीसदी पुनर्भरण प्रस्तावित है। 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारी आरपीएमएफ में शामिल नहीं है। इसके साथ ही करीब 25 हजार कर्मचारी हर वर्ष सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में आरपीएमएफ पर निर्भरता तो बढ़ रही है, लेकिन फंड लगातार कम हो रहा है।
बोझ बनेगी कटौती
-सरकार जल्दबाजी में सीजीएचएस लागू करना चाहती है। पेंशनर्स ने सेवाकाल के दौरान आरपीएमएफ में अंशदान दिया है तो अब पेंशन में से कटौती क्यों करवाए। वैसे भी एक लाख से अधिक की तो मेडिकल डायरी बनी ही नहीं है। ऐसे में यह कटौती बेवजह बोझ बनेगी। योजना लाखों पेंशनर्स से जुड़ी हुई है। इसलिए पेंशनर्स की राय जानना जरूरी है। हमने सरकार से छह माह का समय और बढ़ाने की मांग की है।
भानुस्वरूप गोस्वामी, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान पेंशनर्स समाज
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