NSS उच्च और कॉलेज शिक्षा निदेशालय भी नहीं खोल रहे यूनिट । विद्यार्थियों और कॉलेज का कैंपस और ग्रामीण-शहरी इलाकों से सामाजिक जुड़ाव नहीं है।
NSS IN law college
अजमेर. राज्य के लॉ कॉलेज राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) से दूर हैं। विद्यार्थियों और कॉलेज का कैंपस और ग्रामीण-शहरी इलाकों से सामाजिक जुड़ाव नहीं है। जबकि एनएसएस विद्यार्थियों के कॅरियर और सामाजिक उत्तरदायित्व की सीख देने में सहायक है।
वर्ष 2005-06 में 15 लॉ कॉलेज स्थापित हुए। इनमें अजमेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, नागौर, बूंदी, कोटा और अन्य शामिल हैं। इन कॉलेजों में तीन वर्षीय एलएलबी, दो वर्षीय एलएलएम सहित डिप्लोमा इन लेबर लॉ और डिप्लोमा इन क्रिमिनोलॉजी पाठ्यक्रम संचालित है। यह कॉलेज पिछले 16 में भी अपनी विशिष्ट पहचान नहीं बना पाए हैं। खासतौर पर उच्च शिक्षा विभाग और कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने इन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना से नहीं जोड़ा है।
यह है राष्ट्रीय सेवा योजना स्कूल, कॉलेज-विश्वविद्यालयों में पढऩे वाले युवाओं के व्यक्तित्व विकास और उन्हें सामाजिक उत्तरदायित्व का बोध कराने के लिए देश में 24 सितंबर 1969 को राष्ट्रीय सेवा योजना प्रारंभ की गई। इसके तहत संस्थानों में इकाइयों का गठन किया जाता है। विद्यार्थी कैंपस और गोद लिए गांव-बस्ती में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, साक्षरता, प्राकृतिक आपदा के दौरान सहायता, स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कार्यक्रमों में सहयोग देते हैं। मौजूदा वक्त देश में 50 हजार से ज्यादा एनएसएस इकाइयों से 45 लाख से ज्यादा विद्यार्थी जुड़े हुए हैं।
लॉ कॉलेज में नहीं एनएसएस राज्य के सरकारी लॉ कॉलेज में एनएसएस इकाइयां संचालित नहीं हैं। कानून की शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और कॉलेज सामाजिक उत्तरदायित्व से दूर हैं। इन कॉलेजों में पौधरोपण, सह शैक्षिक गतिविधियां परिसर तक सीमित हैं। शहरी अथवा ग्रामीण क्षेत्रों तक विधिक साक्षरता, कानूनी सलाह, स्वच्छता, पर्यावरण सुरक्षा, आपदा प्रबंधन जैसी गतिविधियां संचालित नहीं होती हैं।
ना सरकार ना विद्यार्थियों की रुचि… ना सरकार ना उच्च शिक्षा विभाग-कॉलेज शिक्षा निदेशालय और विद्यार्थियों की राष्ट्रीय सेवा योजना में रुचि दिखती है। अजमेर के लॉ कॉलेज में 2005-06 में एनएसएस की दो यूनिट थीं। लेकिन गतिविधियां सीमित होने और विद्यार्थियों के रुचि नहीं लेने से यह बंद हो गई।
यूं मिलता है एनएसएस से लाभ -पीजी स्तर के दाखिलों में 5 से 10 प्रतिशत अंकों का फायदा -श्रेष्ठ स्वयं सेवक जाते हैं प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस परेड में -राष्ट्रीय युवा महोत्सव में प्रतिनिधित्व का अवसर
-विद्यार्थी भविष्य में खोल सकते हैं एनजीओ -डिजिटल भारत और कौशल विकास से जुड़े स्टार्ट अप -एनएसएस स्वयंसेवक को साल में 120 घंटे कार्य करना जरूरी