अजमेर

वकीलों को मिला घर बैठे मुकदमें पेश करने का विकल्प

वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए भी मुकदमों की सुनवाई होगीरेवन्यू कोर्ट सॉफ्टवेयर में बदलाव
अब आरसीएमएस के स्थान पर जीसीएमएस पर होगा काम

अजमेरJul 02, 2020 / 09:12 pm

bhupendra singh

Court News

भूपेन्द्र सिंह
अजमेर. राजस्व मंडल revenue board ने तकनीक का इस्तेमाल करते हुए हजारों मुकदमों lawsuit की सुनवाई की प्रक्रिया को और आसान बना दिया है। अब अधिवक्ता Lawyers चाहें तो ऑनलाइन प्रणाली से घर बैठे ही अपने मुकदमें रेवन्यू बोर्ड में पेश present कर सकते हैं। कैवियट लगा सकते हैं,अर्जेन्ट सुनवाई का प्रार्थना पत्र भी दायर कर सकते हैं। अधिवक्ता डायरी भी तैयार की जा सकती इसके अलावा भी अन्य कार्य किए जा सकते है। राजस्व मंडल ने इसके लिए अपने कोर्ट सॉफ्टवेयर में बदलाव किया है। अब तक मंडल में रेवन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) पर काम हो रहा था अब इसके लिए जनरलाइस्ड कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (जीसीएमएस) सॉफ्टवेयर काम में लिया जा रहा है। घर बैठे ऑनलाइन मुकदमें की सुनवाई के लिए रजिस्टर्ड अधिवक्ता को अपनी एसएसओ आईडी बनानी होगी। इसके साथ ही बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर अपनी डीटेल भरनी होगी। इसके बाद बोर्ड मुकदमों को सुनवाई के लिए कॉज लिस्ट में डालने के साथ ही सुनवाई के लिए कोर्ट में प्रस्तुत करेगा। जनरलाइस्ड कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए अब राज्य की 1300 से अधिक राजस्व अदालत में सुनवाई होगी। इसके जरिए भविष्य में वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए भी मुकदमों की सुनवाई होगी। इसके जरिए रेवन्यू बोर्ड मे लगाए गए टीवी स्क्रीन पर सुनवाई के लिए लगाए गए मुकदमों का डिसप्ले होगा। जिसे बोर्ड परिसर में कहीं से भी देखा जा सकेगा।
ई-नोटिस

जीसीएमएस सॉफ्टवेयर के जरिए बोर्ड मुकदमों की सुनवाई के लिए संबन्धित पक्षकार को ई- नोटिस जारी करेगा। मुकदमें की डीटेल भरते ही यह सम्बन्धित तहसीलदार को पहुंच जाएगा। वह इस पर डिजिटल साइन का मोहर लगा कर नोटिस तामील करवाएगा। तामील रिपोर्ट स्केन कर जीसीएमएस पोर्टल पर अपलोड करते ही इसकी सूचना बोर्ड को मिल जाएगी। इससे नोटिस को तामील करवाने में लगने वाला समय धन व मैनपावर की बचते होगी। कर्मचारियों के फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी।
ई-तलबी

राजस्व मंडल में मुकदमों की सुनवाई के लिए अधीनस्थ अदालतों से मुकदमों की फाइल ई-तलबी से मंगवाई जाएंगी। सम्बन्धित फाइल की सूचना सम्बन्धित अदालत को ई-मेल से भेजी जाएगी। वहां से फाइल का डिस्पेच नम्बर, फाइल की डिटेल डालते ही पता चल जाएगा। इससे डाक फाडऩे व डिस्पेच नहीं करने जैसे समस्याओं का भी समधान होगा। राजस्व मंडल सहित राजस्व अधीनस्थ अदालतों में चार लाख से अधिक मुकदमें लम्बित हैं।
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