अजमेर

Shamefull: इनको पास हुए हो गए पांच साल, अब तक नहीं मिल पाई है नौकरी

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अजमेरSep 07, 2018 / 05:01 am

raktim tiwari

agitation in ajmer

अजमेर.
कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013 में चयनित अभ्यर्थियों का आंदोलन जारी है। अभ्यर्थियों ने सूचना केंद्र चौराहे से अम्बेडकर सर्किल तक कैंडल मार्च निकाला। अभ्यर्थियों ने चेताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने कोई फैसला नहीं किया तो आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
युवा हल्ला बोड संगठन के तत्वावधान में कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013 में चयनित अभ्यर्थियों का आंदोलन जारी है। मनीष सुथार, गोपीचंद, धीरज गौतम, दिलीप, हिमांशु फौजदार, घनश्याम और अन्य ने बताया कि उनकाअभी तक पदस्थापन नहीं हुआ है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग और सरकार की त्रुटिपूर्ण नीतियों से ऐसा हुआ है। आयोग को न्यायालय में लगी रोक तत्काल हटाने के प्रयास करने चाहिए। इससे पूर्व अभ्यर्थियों ने जयपुर रोड पर बाबा रामदेव के जातरुओं के सुविधार्थ पानी की छबील लगाई। साथ ही कैंडल मार्च निकाला।
अध्यक्ष से मिले अभ्यर्थी
द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2016 में चयनित अभ्यर्थियों ने आयोग अध्यक्ष दीपक उप्रेती से मुलाकात की। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि रीट लेवल द्वितीय की नियुक्ति से पहले द्वितीय श्रेणी शिक्षक की नियुक्ति जरूरी है। रीट द्वितीय वर्ष में करीब 35 हजार अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द करने से बेरोजगारों को फायदा मिलेगा। इस पर आयोग अध्यक्ष ने शीघ्र संशोधित परिणाम जारी करने का आश्वासन दिया। उधर अभ्यर्थियों ने 10 सितम्बर को जयपुर में हल्ला बोल सभा के आयेाजन का फैसला भी किया।
ये है हमारे उड़ते राजस्थान की तस्वीर

ड्रग्स और मादक द्रव्यों की बढ़ती लत की बात चले तो सबकी नजरें पंजाब की तरफ उठती हैं। वहां के बच्चों-युवाओं की नशीली लत पर बॉलीवुड तो बाकायदा उड़ता पंजाब फिल्म भी बना चुका है। लेकिन इससे कुछ मिलते-जुलते हालात राजस्थान में भी बनते दिख रहे हैं। मरुधरा के 12 से 17 वर्ष के किशोर और 18 से 25-30 साल के कई नौजवानों को नशीली दुनिया बुरी तरह जकड़ चुकी है। दुनिया को सूफियत का पैगाम देने वाले अजमेर और सृष्टि रचयिता ब्रह्माजी की नगरी में नशे का कारोबार जबरदस्तपैर पसार चुका है।
चारों तरफ नशा ही नशा
सडक़ों पर जिंदगी गुजर-बसर करने वाले खानाबदोश, भिक्षावृत्ति में लिप्त लोग और उनके बच्चे अच्छी स्कूल-कॉलेज में पढऩे-लिखने वाले कई किशोर एवं नौजवानों को हेरोइन, ब्राउन शुगर, डोडा, पोस्त, अफीम और अन्य मादक द्रव्यों की लत पड़ चुकी है। दरगाह से सटे इलाकों और खास खुले इलाकों में आसानी से ड्रग्स की पुडिय़ा उपलब्ध कराई जा रही है। पुष्कर में भी खानाबदोशों के डेरो, रेतीले धोरों और होटलों में भी खुलेआम नशा परोसा जा रहा है। प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थल माने जाने वाले माउन्ट आबू, जैसलमेर, उदयपुर, अलवर, भरतपुर और अन्य शहरों के हाल भी अजमेर जैसे हैं। नशीला कारोबार शहरी और ग्रामीण इलाकों में तेजी से फल-फूल रहा है। जोधपुर में तो दो-तीन साल पहले महिला ड्रग डॉन को पकड़ा जा चुका है। इस शातिर महिला कारोबारी के कारनामे सुनकर तो समूचा देश स्तब्ध रह गया था।
 

 
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