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स्कूल में नर्सिंग और ब्यूटी वेलनेस कोर्स सीख रही थीं, अब लगी ‘नजरÓ!

locationअजमेरPublished: Jul 20, 2019 03:18:21 pm

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व्यावसायिक शिक्षा ने लाडो को बनाया हुनरमंद
पढ़ाई के साथ-साथ ब्यूटी एवं वेलनेस कोर्स सीख रहीं हैं

vocatinal education

स्कूल में नर्सिंग और ब्यूटी वेलनेस कोर्स सीख रही थीं, अब लगी ‘नजरÓ!

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. सरकारी स्कूलों में शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा के प्रति लाडो (छात्राएं) का रुझान बढ़ा है। व्यावसायिक शिक्षा (vocatinal education) के माध्यम से छात्राएं ब्यूटी एवं वेलनेस (beauty wellness ) तथा हेल्थ केयर कोर्स सीख रही हैं। वहीं कई छात्र-छात्राएं आईटी, ऑटोमोबाइल सहित कई कोर्स सीख रहे हैं। स्कूल समय में ही रोजगारोन्मुखी कोर्स के प्रति ना केबल बालिकाओं बल्कि अभिभावकों का भी फोकस है। मगर व्यावसायिक शिक्षकों के अभाव में कई स्कूल में नवीं में व्यावसायिक शिक्षा में प्रवेश तक नहीं हुए हैं।
सरकारी स्कूलों में पढऩे वाली अधिकांश छात्राएं (girls) मध्यम या इससे कम आय वर्ग वाले परिवारों की हैं। ऐसे में बिना कुछ खर्च किए पढ़ाई के साथ बालिकाएं ब्यूटी एवं वेलनेस का कोर्स सीख रही हैं। कोई ऑटोमोबाइल तो आईटी, रिटेल सहित अन्य कोर्स सीख रहे हैं। इससे बालिकाओं में ना केवल स्वास्थ्य के प्रति अवेयरनेस आ रही है बल्कि अपने परिवार में भी स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में जानकारी दे रही है। मगर सरकार की ओर से व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती के साथ पूर्व के इन शिक्षकों की वेतन समस्या का समाधान नहीं किया गया है। वोकेशनल (vocatinal) ट्रेनर प्रोवाइडिंग एजेन्सी का अनुबंध खत्म होने से नए व्यावसायिक शिक्षक/ट्रेनर ही नहीं है। अजमेर जिले में 150 व्यावसायिक शिक्षकों के पद प्लेसमेंट एजेंसी से सृजित हैं मगर एक साल से इन्हें मानदेय नहीं मिला। प्रदेशभर में करीब 5000 व्यावसायिक शिक्षक हैं। अजमेर में करीब 88 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित हैं।
नर्सिंग कोर्स (हेल्थ केयर) के प्रति भी अधिक रुचि, अब प्रवेश नहीं

छात्राओं में हेल्थ केयर/नर्सिंग कोर्स के प्रति भी अत्यधिक रुचि है। इस कोर्स में छात्राएं ड्रिप लगाना, इंजेक्शन लगाना, प्राथमिक उपचार संबंधी सभी तरह का प्रशिक्षण ले रही हैं। इससे छात्राएं आत्मनिर्भर बनेेंगी। मगर वीटी (वोकेशनल ट्रेनर) के अभाव में कुछ स्कूलों में नवमीं में व्यावसायिक पाठ्यक्रम में कोई प्रवेश नहीं हुआ।
चार वर्षीय पाठ्यक्रम, दिल्ली से मिलेंगे सर्टिफिकेट

व्यावसायिक शिक्षा के कक्षा नवमीं में प्रथम चरण, दसवीं में द्वितीय, ग्यारहवीं में तृतीय चरण तथा बारहवीं में चतुर्थ चरण के पाठ्यक्रम संचालित हैं। चारों चरणों के बाद दिल्ली से सर्टिफिकेट का प्रावधान है।
इनका कहना है

व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम चल रहा है। व्यावसायिक शिक्षकों के वेतन भुगतान का मामला अभी अटका हुआ है।

अजय गुप्ता, सहायक निदेशक, मा.शि.अजमेर

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