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Legal Education: काम के नहीं पुराने कोर्स, बेवजह घसीट रहे कॉलेज

locationअजमेरPublished: Feb 24, 2021 08:29:57 am

Submitted by:

raktim tiwari

कॉलेज इनके बजाय विधि संकाय के नए कोर्स चलाना चाहते हैं। लेकिन उन्हें संबंधित विश्वविद्यालयों और सरकार से मंजूरी नहीं मिल रही।

law colleges in rajasthan

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रक्तिम तिवारी/अजमेर.

राज्य के विभिन्न लॉ कॉलेज में संचालित डिप्लोमा इन लेबर लॉ (डीएलएल)और डिप्लोमा इन क्रिमनॉलोजी कोर्स (डीसीएल) औपचारिक बन गए हैं। युवाओं को कॅरियर में ज्यादा फायदा नहीं मिल रहा। कॉलेज इनके बजाय विधि संकाय के नए कोर्स चलाना चाहते हैं। लेकिन उन्हें संबंधित विश्वविद्यालयों और सरकार से मंजूरी नहीं मिल रही। अब उनकी नजरें डॉ. भीमराव अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी पर टिकी हैं।
राज्य में 15 लॉ कॉलेज 2005 में अस्तित्व में आए थे। इन कॉलेज में तीन वर्षीय एलएलबी, दो वर्षीय एलएलएम के साथ एक वर्षीय डिप्लोमा इन लेबर लॉ और डिप्लोमा इन क्रिमनोलॉजी कोर्स संचालित है। इनमें डिप्लोमा कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को श्रम निरीक्षक, फेक्ट्री और बॉयलर विभाग सहित वकालत में लाभ मिलता था। धीरे-धीरे इन विभागों में राजस्थान लोक सेवा आयोग के जरिए भर्तियां होनी शुरु हो गई।
कॅरियर में नहीं खास फायदा
मौजूदा वक्त ज्यादातर विद्यार्थी तीन या पांच वर्षीय एलएलबी को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। एलएलबी करने के साथ वह अदालतों में वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ प्रेक्टिस शुरू कर देते हैं। कई राजस्थान सहित अन्य प्रांतों में न्यायिक सेवाओं में चले जाते हैं। इसके अलावा स्वतंत्र प्रेक्टिस करते हैं। इसी तरह शैक्षिक क्षेत्र में कॅरियर बनाने वाले विद्यार्थी एलएलएम कोर्स करते हैं। डीसीएल और डीएलएल कोर्स का युवाओं को कॅरियर में अधिक फायदा नहीं मिल रहा है।
कॉलेज में है सीमित स्टाफ
डीसीएल और डीएलएल में ऐसे विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जो किसी व्यवसाय, सरकारी अथवा निजी नौकरियों में कार्यरत हैं। अधिकांश विद्यार्थी व्यस्तता के चलते कॉलेज नियमित नहीं आ पाते। लिहाजा कॉलेज में यह कोर्स फायदेमंद साबित नहीं हो रहे। लॉ कॉलेज में भी सीमित स्टाफ के चलते वर्कलोड बढ़ा हुआ है।
नए कोर्स की नहीं मंजूरी
राज्य में अजमेर सहित अन्य लॉ कॉलेज डिप्लोमा इन लेबर लॉ और डिप्लोमा इन क्रिमनोलॉजी को चलाने का ज्यादा इच्छुक नहीं है। वे डिप्लोमा इन साइबर लॉ, फोरेंसिक लॉ, सर्टिफिकेट कोर्स इन एन्वायरमेंट लॉ, एक वर्षीय एलएलएम जैसे कई नए कोर्स चलाना चाहते है। ताकि युवाओं को रोजगार त्वरित मिले। साथ ही देश-विदेश में संस्थाओं की पहचान बनें। दुर्भाग्य से सरकार और विश्वविद्यालयों से कोर्स चलाने की मंजूरी नहीं मिल रही।
फैक्ट फाइल…
राज्य में लॉ कॉलेज-15
अध्ययनरत विद्यार्थी-5 से 8 हजार
प्रथम वर्ष की सम्बद्धता-अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी
द्वितीय-तृतीय वर्ष सम्बद्धता-अन्य विवि स
ेसंचालित कोर्स-एलएलबी, एलएलएम, डिप्लोमा कोर्स

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