scriptसाइकिल रेस की तरह है जिंदगी,कभी धीमी तो कभी तेज: उपमहापौर | Life is like a cycle race, sometimes slow and sometimes fast: Deputy M | Patrika News

साइकिल रेस की तरह है जिंदगी,कभी धीमी तो कभी तेज: उपमहापौर

locationअजमेरPublished: Oct 03, 2021 09:16:46 pm

Submitted by:

bhupendra singh

धीमी साइकिल रेस में बच्चों ने लिया हिस्साविजयी प्रतिभागियों को किया पुरस्कृत

ajmer

ajmer

अजमेर.आजादी का अमृत महोत्सव के तहत रविवार को पटेल मैदान में बच्चों की धीमी साइकिल रेस का आयोजन किया गया। 6 से 13 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन और टेनिस मेंटर राजेश्वर कुमार बक्शी ने बच्चों की धीमी साइकिल रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रतिभागी बच्चों को 50 मीटर तक धीमी साइकिल चलानी थी। बच्चों ने साइकिल पर संतुलन बनाए रखते हुए रेस को जीता। इस प्रतियोगिता में बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। 6 से 9 आयु वर्ग में द्रोण चारण, अंतिमा शर्मा, कबीर और संकल्प कुमावत विजयी रहे। 9 से 13 आयु वर्ग में आयुष दाधीच, दर्शन पंवार,सोनाली सेन और मयंक विजयी रहे। उपमहापौर जैन ने विजयी प्रतिभागियों को एक-एक पौधा और पेन भेंटकर पुरस्कृत किया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों की धीमी साइकिल रेस के बाद डिप्टी मेयर ने भी साइकिल ट्रैक पर साइकिल चलाकर प्रतिभागियों का उत्साहर्वधन किया।
जीवन और साइकिल में बैलेंस जरूरी
नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने साइकिल रेस में हिस्सा लेने आए प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिन्दगी साइकिल रेस की तरह है। दोनों में सफल होने के लिए बैलेंस जरूरी है। यदि संतुलन नहीं होगा तो दुर्घटना हो सकती है। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि आजादी हमें बलिदान के साथ मिली है। देश को आजादी दिलाने के लिए 20 लाख युवाओं ने अपने जीवन का बलिदान दिया है। आजादी हमें एकदम नहीं मिली इसके लिए धीरे-धीरे संघर्ष करना पड़ा और 90 साल के संघर्ष के बाद हमें आजादी मिली। स्मार्ट सिटी की मुख्य लेखाधिकारी पद्मिनी सिंह ने आभार व्यक्त किया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो