तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय 12 अप्रेल 2013 को अजमेर के किले में लाइट एण्ड साउण्ड शो शुरू किया गया था। शो संचालन करने वाली अनुबंधित कम्पनी का करार 31 मार्च 2018 को समाप्त हो गया। इसके बाद पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने शो का करार आगे बढ़ाने की तरफ ध्यान नहीं दिया। एक साल से किले में यह शो नहीं चलाया जा रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों पर्यटक किले में राजकीय संग्रहालय देखने आते हैं, लेकिन शाम के समय लाइट एण्ड साउण्ड शो की सुविधा नहीं मिलने से पर्यटक निराश होकर लौट रहे हैं।
शो में यह थी झलक शो की स्क्रिप्ट में अजमेर की आन-बान व शान का वर्णन के अलावा तीर्थराज पुष्कर व पुष्कर कार्तिक मेले की महत्ता, अन्तिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान व संयोगिता का विवाह, मोहम्मद गोरी का अजमेर पर आक्रमण, पृथ्वीराज की शूरवीरता, चौहान के शब्दबेणी बाण से गोरी का संहार करने की शूरवीरता का यशोगान तथा मुगल सम्राट अकबर की ओर से इसी किले में हल्दीघाटी युद्ध की व्यूह रचना करने का पार्ट भी दर्शाया गया।
पहले भी भूली थी सरकार, बाद में शुरू हुआ शो कांग्रेस की पिछली सरकार के समय पर्यटन व जिले की प्रभारी मंत्री बीना काक ने 15 दिसम्बर 2015 को राजकीय संग्रहालय अजमेर में लाइट एण्ड साउण्ड शो शुरू करने की घोषणा की थी। लेकिन मंत्री ने अपनी घोषणा को भुला दिया। पत्रिका ने मार्च 2013 में सिलसिले वार खबरें प्रकाशित कर सरकार का ध्यान खींचा। पत्रिका की मुहिम रंग लाई और किले को 12 अप्रेल 2013 की शाम शो का तोहफा दिया गया। कार्यक्रम को भव्य रूप देने के लिए पाŸव गायक सोनू निगम की कल्चरल नाइट भी करवाई गई थी।
अब कांग्रेस सरकार से उम्मीद चंूकि अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। इसलिए कांग्रेस शासन की योजना के अनुरूप किले में इस शो को पुन: शुरू करने की उम्मीद है। जानकारों का कहना है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों को महाराणा प्रताप स्मारक पर चलाए जा रहे शो की तरह अजमेर किले मेंं भी शो को पुन: शुरू करवाने की पहल करनी चाहिए।