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लॉकडाउन ने अटकाए कृषि कनेक्शन 19 हजार 500 किसानों का इंतजार बढ़ा

locationअजमेरPublished: May 16, 2021 09:36:27 pm

Submitted by:

bhupendra singh

जमा हो चुके हैं मांग पत्र
अजमेर डिस्कॉम

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अजमेर. प्रदेश में एक तरफ जहां कोरोना महामारी व इसके चलते लागू किए गए लॉकडाउन Lockdown से सामान्य लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है, उद्योग धंधों पर पर असर पड़ा, बेरोजगारी बढ़ी है उत्पादन प्रभावित है वहीं कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना लॉकडाउन के चलते अन्नदाता किसानों farmers की भी मुश्किलें बढ़ी हैं। लॉकडाउन के चलते कृषि व फल सब्जी मंडिया बंद हो गई हैं वही इनके कृषि कनेक्शन agricultural connections जारी करने का ठप हो गया है। कहीं समान की कमी है तो कही पर कर्मचारियों व ठेकाकर्मियों की। बड़ी संख्या में अजमेर डिस्कॉम के कर्मचारी अधिकारी कोरोना की चपेट में भी आ चुके हैं। अजमेर विद्युत वितरण निगम में जमा कुल 20 हजार 752 मांग पत्रों में से केवल 1 हजार 242 को ही कनेक्शन जारी हो पाए हैं। 19 हजार 560 किसान मांग पत्र जमा कराने के बाद भी कनेक्शन के लिए तरस रहे हैं। एक तरफ जहां खेती का समय नजदीक आ रहा है तो वहीं दूसरी समय लंबित कृषि कनेक्शन की संख्या बढ़ रही है। यह हाल तब है जब राज्य सरकार द्वारा बजट में भी किसानों को जल्द और अधिक संख्या में बिजली कनेक्शन देने की घोषणा की गई है।
कहां कितने कनेक्शन लम्बित

अजमेर डिस्कॉम में सर्वाधिक संख्या में उदयपुर में 3 हजार 985 तथा भीलवाड़ा 3 हजार 578 में कृषि कनेक्शन लंबित है। झुंझुनूं में 1 हजार 153, सीकर 1 हजार 516, बांसवाड़ा 987, डूंगरपुर में 1 हजार 824, चित्तौडगढ़़ में 2 हजार 618, प्रतापगढ़ में 1 हजार 868 राजसमन्द में 565 अजमेर सिटी सर्किल में लंबित कनेक्शनों की संख्या 426 है जबकि अजमेर जिला सर्किल में लंबित कनेक्शनों की संख्या 762 है। नागौर में 226 कृषि कनेक्शन लम्बित चल रहे हैं। इनके अलावा 391 कनेक्शन ऐसे है जिनमें विवाद चल रहा रहा है।
किसानों से लेकर ठेकाकर्मियों को भी मिलता रोजगार

यहां उल्लेखनीय है कि उक्त लंबित पड़े कृषि कनेक्शनों में से 20 हजार 218 मांग पत्र मार्च 2021 तक जमा हो चुके थे अजमेर डिस्कॉम के अधिकारी तो इस इस आपदा को अवसर में बदल सकते थे। लंबित कनेक्शनों को जल्द जारी करने से जहां किसानों को राहत मिलती वहीं कनेक्शन जारी करने के दौरान ठेका कर्मियों को रोजगार भी उपलब्ध होता। जिससे उन लोगों को लॉकडाउन में सहायता मिलती।
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