यही कारण रहा कि विदेशी खरीदार भारत नहीं आ सके तथा उन्होंने ईमेल के जरिए अपने अपने आर्डर कैंसिल करने के आदेश दे दिए हैं। लॉक डाउन के दौरान अमेरिका साउथ अमेरिका एवं विभिन्न देशों के ग्राहकों ने गारमेंट के आर्डर निरस्त कर दिए हैं इसलिए फैक्ट्री मालिकों के लिए भी यह समस्या आ गई है कि वे यहां पर काम कर रहे सैकड़ों की संख्या में मजदूरों को बिना काम किए मजदूरी कैसे चुकाए इसलिए फैक्टरी मालिक भी चाहते हैं कि मजदूर लॉक डाउन के दौरान अपने अपने घरों को चले जाए।
वही श्रमिकों को भी पर्याप्त मजदूरी नहीं मिलने के कारण पुष्कर से पलायन करने लगे हैं। इसी के तहत आज पश्चिमीबंगाल के 43 मजदूर प्रशासन की देखरेख में मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद बसों से बंगाल के लिए रवाना हुए। इससे पूर्व करीब 200 मजदूर उत्तर प्रदेश के पुष्कर से पलायन कर चुके हैं।
श्याम एक्सपोर्ट के हरीश खत्री ने बताया कि कोरोना के लॉक डाउन से पुष्कर के करीब 60से अधिक गारमेंट एक्सपोर्ट ,निर्यातकों को 200 करोड़ से अधिक का नुकसान होना माना जा रहा है पुष्कर के गारमेंट निर्यात तक हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं
पुष्कर उपखंड अधिकारी देविका तोमर ने सोमवार को तिलोरा रोड स्थित लीला श्याम एक्सपोर्ट फैक्ट्री में काम कर रहे पश्चिमी बंगाल के 43 श्रमिकों की मौके पर डॉक्टर बुलवाकर स्क्रीनिंग करवाई तथा सूचीबद्ध होने के बाद उन्हें पूरी जांच पड़ताल करके पश्चिम बंगाल जाने के लिए अजमेर के रेलवे स्टेशन तक रवाना किया गया।