देखो! यह सांता क्लोज नहीं, 'किसान क्लोज है
किसान ट्रेक्टर यात्रा पहुंची अजमेर, नए कृषि बिल के बताए नुकसान

अजमेर. नए कृषि बिलों से होने वाले नुकसान, किसानों की जमीन बाहरी कंपनियों की ओर से ठेके पर लेने सहित किसानों की मांगों के प्रति जागरूकता के लिए किसान ट्रेक्टर यात्रा अजमेर पहुंंची। एक ट्रेक्टर-ट्रॉली व अन्य वाहन में समाज किसानों संगठनों के पदाधिकारियों ने कठपुतली के माध्यम से किसानों को जागरूक किया। विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने कृषि बिलों को वापस लेने की मांग की। इस दौरान नारेबाजी की गई।
शहर के बजरंगगढ़ चौराहे पर करीब 2 बजे पहुंची किसान ट्रेक्टर यात्रा का पीसीएल के पदाधिकारियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। इसमें डी.डी. त्रिपाठी, डॉ.अनन्त भटनागर, सिस्टर कैरोल, रमेशचंद लालवानी, सागर मीणा सहित अन्य पदाधिकारियों ने यात्रा का स्वागत किया। त्रिपाठी ने कहा कि किसानों के राष्ट्रीय संगठन के आह्वान पर नए कृषि बिलों से किसानों को होने वाले नुकसान के बारे में यात्रा निकाली जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे किसान आंदोलन का पीयूसीएल समर्थन करती हैं। ऐसी हठधर्मी सरकार इससे पहले नहीं देनी। ऐसी तानाशाही सरकार हिन्दुस्तान में पहले कभी नहीं आई, जहां अन्नदाता की आवाज नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने कहा कि जबरन किसानों को लाभ क्यों दिया जा रहा है? तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। केन्द्र सरकार को चाहिए कि किसानों से बात करे कि अगर वे लाभ नहीं लेना चाहते तो क्यों जबरन लाभ दिया जा रहा है। डॉ. भटनागर ने बताया कि इससे किसानों की जमीन बिक जाएगी। शुरुआती दो साल किसान को भले ही लाभ मिल जाएगा लेकिन धीरे-धीरे पूंजीपतियों का एकाधिकार हो जाएगा।
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