वन विभाग मानसून के दौरान अजमेर सहित किशनगढ़, ब्यावर, केकड़ी, पुष्कर, किशनगढ़ और अन्य वन क्षेत्रों में पौधरोपण कराता है। इसके लिए अजमेर की घूघरा, ब्यावर, खरवा, पुष्कर और अन्य नर्सरी में पौधे तैयार कराए जा रहे हैं। पौधों में नीम, गुड़हल, बोगन वेलिया, अशोक, करंज और अन्य प्रजातियां शामिल हैं। विभाग प्रतिवर्ष मानसून के दौरान विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं, स्कूल, कॉलेज, स्काउट-गाइड, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों की सहायता से जिले में पौधरोपण होता है।
कमजोर मानसून से बचे पौधे
पिछले दो साल से कमजोर मानसून के चलते वन विभाग को नुकसान उठाना पड़ रहा है। अव्वल तो बरसात होने तक विभाग के लगाए पौधों को पानी मिल जाता है। मानसून के खत्म होते ही पौधे सूखना शुरू हो जाते हैं। दूसरी तरफ पर्याप्त बारिश नहीं होने से उसके पास पौधे बच रहे हैं। वर्ष 2015-16 और 2017-18 में विभाग की घूघरा सहित अन्य नर्सरियों में बचे पौधे इसका परिचायक हैं। विभाग को इन नर्सरियों में पौधों की देखभाल करनी पड़ रही है। अब 2019 में मानसून की सक्रियता पर ही बचे हुए पौधों को लगाया जा सकता है।
पिछले दो साल से कमजोर मानसून के चलते वन विभाग को नुकसान उठाना पड़ रहा है। अव्वल तो बरसात होने तक विभाग के लगाए पौधों को पानी मिल जाता है। मानसून के खत्म होते ही पौधे सूखना शुरू हो जाते हैं। दूसरी तरफ पर्याप्त बारिश नहीं होने से उसके पास पौधे बच रहे हैं। वर्ष 2015-16 और 2017-18 में विभाग की घूघरा सहित अन्य नर्सरियों में बचे पौधे इसका परिचायक हैं। विभाग को इन नर्सरियों में पौधों की देखभाल करनी पड़ रही है। अब 2019 में मानसून की सक्रियता पर ही बचे हुए पौधों को लगाया जा सकता है।
20 लाख से ज्यादा पौधे खराब विभाग 50 साल में विभिन्न योजनान्तर्गत जिले में पौधरोपण करा रहा है। इनमें वानिकी परियोजना, नाबार्ड और अन्य योजनाएं शामिल हैं। इस दौरान करीब 30 से 40 लाख पौधे लगाए गए। पानी की कमी और सार-संभाल के अभाव में करीब 20 लाख पौधे तो सूखकर नष्ट हो गए। कई पौधे अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं। मालूम हो कि जिले में कम बरसात के चलते विभाग को कई बार पौधरोपण रोकना पड़ा है।
फैक्ट फाइल
2015-16 में बचे पौधे-64, 535
2017-18 में बचे पौधे-95 हजार
बीते साल मानसून में वितरित पौधे-57 हजार 900
दो साल में कुल बचे कुल पौधे-1 लाख 30 हजार
2015-16 में बचे पौधे-64, 535
2017-18 में बचे पौधे-95 हजार
बीते साल मानसून में वितरित पौधे-57 हजार 900
दो साल में कुल बचे कुल पौधे-1 लाख 30 हजार