अन्य ग्राम पंचायतों में कुछ पौधे लगाकर इतिश्री कर दी गई। पौधों की मांग देलवाड़ा नर्सरी से किए जाने के बावजूद यहां से उठाव नहीं हुआ। हालांकि पंचायत समिति की ओर से देलवाड़ा नर्सरी को तीस हजार पौधों की डिमांड दी गई थी। उसमें से दस हजार 695 पौधों का ही उठाव हुआ।
हरित राजस्थान के तहत पंचायत समितियों की मांग के अनुरुप वन विभाग ने फलदार व छायादार सहित अन्य पौधे तैयार करवाए। वन विभाग की देलवाड़ा नर्सरी पर दो लाख पौधे तैयार किए गए। इसमें से 40 हजार पौधे अलग-अलग मद में प्लांटेशन के तहत वितरित किए गए, जबकि 22 हजार 572 पौधों का वितरण किया गया। करीब एक लाख 38 हजार पौधे बच गए। इनमें से साठ हजार पौधों का वितरण दो साल के होने के बाद किया जाएगा। 40 हजार के तहत किए गए प्लांटेशन में वन विभाग की ओर से लगाए गए भी पौधे शामिल हैं।
ऐसे में पंचायतों ने पौधरोपण के नाम पर खानापूर्ति कर दी। हालांकि ग्राम पंचायतों से जुड़े लोगों का कहना है कि उन्होंने पौधरोपण करवाया। सवाल यह उठता है कि इन्होंने पौधे लगाए तो वे उपलब्ध कहां से हुए, जबकि देलवाड़ा रोड से मांग दिए जाने के बावजूद महज पंाच ग्राम पंचायतों ने ही उठाव किया। गौरतलब है कि मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों की ओर से रास्तों के पास में पौधे लगाए गए लेकिन देखरेख के अभाव में अधिकांश सूख गए।
इन्होंने किया पौधा का उठाव
वन विभाग की देलवाड़ा रोड स्थित नर्सरी से मनरेगा के तहत बामनहेड़ा ग्राम पंचायत ने छह हजार एवं टॉडगढ़ ग्राम पंचायत ने चार हजार पौधों का उठाव किया। जल स्वावलम्बन योजना के तहत सरमालिया ग्राम पंचायत में तीस, दुर्गावास 65 व देवाता में 600 पौधों का उठाव किया।
वन विभाग की देलवाड़ा रोड स्थित नर्सरी से मनरेगा के तहत बामनहेड़ा ग्राम पंचायत ने छह हजार एवं टॉडगढ़ ग्राम पंचायत ने चार हजार पौधों का उठाव किया। जल स्वावलम्बन योजना के तहत सरमालिया ग्राम पंचायत में तीस, दुर्गावास 65 व देवाता में 600 पौधों का उठाव किया।
ग्राम पंचायतों में पौधे वितरण के लिए तीस हजार पौधे तैयार किए गए। दस हजार 695 पौधों का ही उठाव हुआ। जिन ग्राम पंचायतों ने पौधे मांगे उन्हें उपलब्ध करवाए गए। मुलकेशकुमार, क्षेत्रीय वन अधिकारी
सरपंच कहिन
सरपंच कहिन
ग्राम पंचायत में अलग-अलग स्थानों पर 600 पौधे लगाए गए। इनमें मनरेगा के तहत गड्ढे खुदवाए गए। वन विभाग से पौधे लाकर पौधरोपण किया गया।
इन्द्रा देवी, सरपंच, ग्राम पंचायत देवाता देलवाड़ा रोड नर्सरी में पौधे नहीं होने से अन्य स्थान से पौधों का उठाव किया। देलवाड़ा रोड नर्सरी गए तो पौधे नहीं होने पर यह कदम उठाया गया। अधिकांश ग्राम पंचायतों के अटल सेवा केन्द्र पर पौधरोपण किया गया।
गायत्री रावत, प्रधान, पंचायत समिति, जवाजा
इन्द्रा देवी, सरपंच, ग्राम पंचायत देवाता देलवाड़ा रोड नर्सरी में पौधे नहीं होने से अन्य स्थान से पौधों का उठाव किया। देलवाड़ा रोड नर्सरी गए तो पौधे नहीं होने पर यह कदम उठाया गया। अधिकांश ग्राम पंचायतों के अटल सेवा केन्द्र पर पौधरोपण किया गया।
गायत्री रावत, प्रधान, पंचायत समिति, जवाजा