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Low monsoon: मानसून के बचे 15 दिन, सातवें साल रहेगी कम बारिश

locationअजमेरPublished: Sep 14, 2018 05:10:06 am

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

low rainfall in ajmer

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अजमेर.

मानसून के अब 17 दिन बचे हैं। लेकिन पर्याप्त बरसात नहीं हुई है। शनिवार को भी आसमान में बादलों की झलक नजर आई। बादलों के हटते ही तेज धूप निकली। हवा चलने के बाद भी हल्की गर्माहट महसूस हुई।
पिछले दिनों तरबतर करने वाले बादल सुबह आसमान पर मंडराते नजर आए। बादलों के छितराने पर धूप-छांव का दौर भी चला। गर्मी और धूप के चलते लोग परेशान भी हुए। शहर के वैशाली नगर, फायसागर, शास्त्री नगर, लोहागल, कायड़ रोड, मदार, दौराई, तबीजी, रामगंज, चंद्रवरदायी नगर, जयपुर रोड, पंचशील, फायसागर रोड और अन्य इलाकों में मौसम सामान्य रहा। अधिकत तापमान 30.5 और न्यूनतम तापमान 24.0 डिग्री रहा।
15 दिन बाद मानसून की विदाई
इस साल के मानसून की 15 दिन बाद विदाई हो जाएगी। मानसून की सक्रियता 1 जून से 30 सितम्बर (122 दिन) तक मानी जाती है। इस लिहाज से 107 दिन बीत चुके हैं। इस दौरान जिले की औसत बरसात 550 मिलीमीटर मानी जाती है। बीते छह साल में मानसून की स्थिति इस बार सबसे कमजोर है। जिले में अब तक 351.2 मिलीमीटर बरसात ही हो पाई है। कई तालाबों और बड़े बांधों में पर्याप्त पानी नहीं है।
कई विदेशी भाषाओं को जन्म दिया है संस्कृत ने

अजमेर. संस्कृत वैज्ञानिक भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति की परिचायक भी है। संस्कृत के वैभव को हमें पुन: शिखर पर पहुंचाने के प्रयास करने चाहिए। यह बात सम्राट पृथ्वीराज पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. स्नेह भटनागर ने सात दिवसीय संस्कृत सप्ताह समापन समारोह में कही।
राजकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि संस्कृत कई विदेशी भाषाओं की जननी भी है। संस्कृत में मधुरता, भाषायी कौशल और संस्कारों को बढ़ाने की योग्यता है। वैज्ञानिकों ने भी संस्कृत की प्राचीनता और मान्यता को स्वीकार किया है। कन्या महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. चेतन प्रकाश ने कहा कि संस्कृत भारतीय संस्कृति का गौरव है। हमें इसके उत्थान के प्रयास करने चाहिए।
संस्कृत भारती के प्रांत अध्यक्ष कृष्ण कुमार गौड़, प्रांत संगठन मंत्री देवेंद्र पांड्या ने संस्कृत की महत्ता बढ़ाने पर जोर दिया। इस दौरान विभिन्न संस्थाओं में श्लोक प्रतियोगिता, मंत्र अथवा श्लोकाधारित चित्र निर्माण, संस्कृत संवाद वाटिका, संस्कृत कथावाचन, पात्राभिनय प्रतियोगिता, संस्कृत संगोष्ठी, संस्कृत दृश्य एंव श्रव्य प्रस्तुतिकरण, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता हुई। राजकीय कन्या महाविद्यालय में कनिष्ठ और वरिष्ठ संस्कृत समूह गीत प्रतियोगिता हुई।
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