दस साल और एक दर्जन फेज में निर्माण
आनासागर झील पर पुरानी चौपाटी के नाम से पहला निर्माण लिंक रोड से जेटी तक किया गया। इसके बाद करीब 12 चरणों में चौपाटी का काम गत दस सालों से चल रहा है। अब यह रामनगर से लवकुश उद्यान तक अंतिम चरणों में है। इसके बाद झील के चारों ओर पूरा सर्किल बन जाएगा।
कई परियोजनाएं बदलीं
चौपाटी या पाथ वे निर्माण में कई ऐजेंसियाें ने कामकाज संभाला। सबसे पहले हृदय याेजना में पुरानी चौपाटी बनाई गई। इसके बाद यूआईटी या तत्कालीन नगर सुधार न्यास ने एक हिस्सा बनाया। फिर एडीए, स्मार्ट सिटी,आरएसआरडीसी आदि ऐजेंसियों ने चक्र को पूरा किया।
देश की पहली वाटर बॉडी रिंग चौपाटी (पाथ-वे)
दावा किया जा रहा है कि आनासागर झील के चारों ओर करीब 10 किमी की परिधि में बनी चौपाटी देश में पहली चौपाटी है जिसका सर्किल पूरा होता है।
ऐसे हुआ चौपाटी का चरणबद्ध निर्माण
-आनासागर जेट्टी से लिंक रोड पुरानी चौपाटी – यूआईटी
-पुरानी चौपाटी से क्रिश्चियनगंज शिव मंदिर- यूआईटी व आरएसआरडीसी
-देवनारायण मंदिर से जीमॉल के पीछे से होते हुए सागर विहार पाल तक- आरएसआरडीसी
-सागर विहार पाल का पुनरुद्धार – स्मार्ट सिटी
-सागर विहार से गोविंदम रीजनल कॉलेज चौपाटी तक – स्मार्ट सिटी – रीजनल कॉलेज चौपाटी – अजमेर विकास प्राधिकरण
-राम प्रसाद घाट- बारादरी तक – आरएसआरडीसी -एस्केप चैनल से धोबीघाट जेट्टी तक- फ्लोटिंग ब्रिज बांडी नदी से पुरानी विश्राम स्थली तक – स्मार्ट सिटी।
-रामनगर के पिछले हिस्से का निर्माण अंतिम चरणों में – वर्तमान में रामनगर के पीछे का कुछ हिस्सा शेष।
इनका कहना है…
साफ-सफाई का जिम्मा हमारा है। टूट-फूट, रखरखाव का जिम्मा अजमेर विकास प्राधिकरण को करना होगा। इस संबंध में दस्तावेजी कार्यवाही चल रही है।
सुशील यादव
आयुक्त नगर निगम, अजमेर
– अक्षय गोदारा, आयुक्त, एडीए