script#sehatsudharosarkar आखिर कब सुधरेगी व्यवस्था – डॉक्टरों ने की ऐसी लापरवाही , मरीज की जान पर बन आई , पढ़ें पूरी खबर | mans life in danger because of lake of facilities in hospital | Patrika News

#sehatsudharosarkar आखिर कब सुधरेगी व्यवस्था – डॉक्टरों ने की ऐसी लापरवाही , मरीज की जान पर बन आई , पढ़ें पूरी खबर

locationअजमेरPublished: Sep 16, 2017 01:12:14 pm

Submitted by:

सोनम

 जवाहर लाल नेहरू अस्पताल की साख पर ही बट्टा लगाने को तुले हैं कुछ कार्मिक ,  समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण 70 प्रतिशत ब्रेन डेमेज हो गया।

mans life in danger because of lake of facilities in hospital
जवाहर लाल नेहरू अस्पताल की साख पर ही बट्टा लगाने को तुले हैं कुछ कार्मिक। आपातकालीन इकाई में शुक्रवार शाम को चिकित्सक की ओर से मरीज की सीटी स्कैन लिखने के बाद जब जांच के लिए ले जाया गया तो सीटी स्कैन कक्ष के बाहर ताला लटका मिला। आधा घंटे तक कार्मिक के नहीं पहुंचने व बिना जांच के इलाज शुरू नहीं होने पर मरीज को परिजन एम्बुलेंस से क्षेत्रपाल हॉस्पिटल ले गए। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण 70 प्रतिशत ब्रेन डेमेज हो गया।
होटल एवं कपड़ा व्यवसायी विपिन जैन ने बताया कि शाम को उनकी दुकान पर एमडीएस यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत्त प्रो. डॉ. मोहनलाल लोढ़ा पहुंचे। वे लडखड़़ाने लगे तो जैन ने ऑटो कर तत्काल उन्हें जेएलएन अस्पताल की आपातकालीन इकाई पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने सीटी स्कैन करवाने के लिए स्लिप दी और जांच करवाने के लिए लोढ़ा को भी स्ट्रेचर पर लेटाकर सीटी स्कैन कक्ष तक ले गए। सीटी स्कैन कक्ष पर ताला लगा हुआ होने पर उन्होंने चिकित्सक को बताया कि वहां कोई कार्मिक मौजूद नहीं है।
इस पर चिकित्सक ने थोड़ी देर में ही पहुंचने की बात कही। काफी देर तक नहीं आने पर उन्होंने चिकित्सक से सीटी स्कैन होने तक इलाज शुरू करने की बात कही तो चिकित्सक ने बिना जांच रिपोर्ट के इलाज से इंकार कर दिया। मंगवाई एम्बुलेंस और ले गए प्राइवेट अस्पतालइलाज शुरू नहीं करने से खफा जैन व परिजन ने आनन-फानन में एम्बुलेंस मंगवाई और लोढ़ा को क्षेत्रपाल अस्पताल ले गए, जहां उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया।
वहां जांच के बाद डॉ. मनोज जैन ने बताया कि उनका 70 प्रतिशत ब्रेन डेमेज हो गया। जैन ने बताया कि अगर समय पर इलाज शुरू हो जाता तो उनकी स्थिति इतनी नहीं बिगड़ती।इनका कहना हैऐसी जानकारी तो नहीं मिली है, कई बार शाम को कार्मिक चाय पीने के लिए बाहर चले जाते हैं। किसकी लापरवाही है इस मामले को दिखवाता हूं।डॉ. विनय मल्होत्रा, अधीक्षक जेएलएनएच
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