होटल एवं कपड़ा व्यवसायी विपिन जैन ने बताया कि शाम को उनकी दुकान पर एमडीएस यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत्त प्रो. डॉ. मोहनलाल लोढ़ा पहुंचे। वे लडखड़़ाने लगे तो जैन ने ऑटो कर तत्काल उन्हें जेएलएन अस्पताल की आपातकालीन इकाई पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने सीटी स्कैन करवाने के लिए स्लिप दी और जांच करवाने के लिए लोढ़ा को भी स्ट्रेचर पर लेटाकर सीटी स्कैन कक्ष तक ले गए। सीटी स्कैन कक्ष पर ताला लगा हुआ होने पर उन्होंने चिकित्सक को बताया कि वहां कोई कार्मिक मौजूद नहीं है।
इस पर चिकित्सक ने थोड़ी देर में ही पहुंचने की बात कही। काफी देर तक नहीं आने पर उन्होंने चिकित्सक से सीटी स्कैन होने तक इलाज शुरू करने की बात कही तो चिकित्सक ने बिना जांच रिपोर्ट के इलाज से इंकार कर दिया। मंगवाई एम्बुलेंस और ले गए प्राइवेट अस्पतालइलाज शुरू नहीं करने से खफा जैन व परिजन ने आनन-फानन में एम्बुलेंस मंगवाई और लोढ़ा को क्षेत्रपाल अस्पताल ले गए, जहां उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया।
वहां जांच के बाद डॉ. मनोज जैन ने बताया कि उनका 70 प्रतिशत ब्रेन डेमेज हो गया। जैन ने बताया कि अगर समय पर इलाज शुरू हो जाता तो उनकी स्थिति इतनी नहीं बिगड़ती।इनका कहना हैऐसी जानकारी तो नहीं मिली है, कई बार शाम को कार्मिक चाय पीने के लिए बाहर चले जाते हैं। किसकी लापरवाही है इस मामले को दिखवाता हूं।डॉ. विनय मल्होत्रा, अधीक्षक जेएलएनएच