कुछ ऐसा ही दृश्य बन पड़ा गुरुवार को किशनगढ़ एयरपोर्ट पर जब यूक्रेन रूस के बीच चल रहे युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसा अजमेर जिले के मसूदा कस्बे के समीप धोलादांता ग्राम का पंकज काठात सुरिक्षत वापस लौटा।
दरअसल धोलादातां निवासी राजेन्द्र सिंह का पुत्र पंकज काठात मेडीकल की पढाई करने के लिए यूक्रेन गया था। वह टरनाेपील में एमबीबीएस अंतिम वर्ष की पढाई कर रहा था। यूक्रेन एवं रूस में युद्ध शुरू हो जाने से पंकज यूक्रेन में फंस गया। वहां भारी बमबारी शुरू होने से परिजन की चिंता बढ़ गई।
READ MORE : PAKISTAN से आया जासूस के खाते में पैसा गुरुवार को उसके सकुशल घर लौटने पर परिजन की खुशी का ठिकना नहीं रहा। वहीं ग्रामीणों ने भी पंकज का ढोल-ढमाके और माल्यार्पण कर स्वागत किया।
दो दिन बॉर्डर पर खड़े रहे, पैरों में आ गई सूजन यूक्रेन से लौटे पंकज ने मसूदा पहुंच आपबीती बताई। उसने बताया कि वह यूक्रेन के टरनोपील में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गया था। यूक्रेन व रूस मेें युद्ध शुरू होने पर 25 फरवरी को साथियों के साथ अपने स्तर पर वाहन करके उस पर भारत का झंडा लगाकर रोमानिया बॉर्डर पहुंचा।
इस दौरान यूक्रेन पर बमबारी हो रही थी। रोमानिया बॉर्डर पहुंचे तो वहां यूक्रेन व अन्य देशों के लोग एवं छात्र भी मौजूद थे। भारत के छात्रों को रोमानिया में प्रवेश देने को लेकर उनके विरोध से बार-बार बॉर्डर बंद हो जाने एवं बर्फबारी हाेने से वह दो दिन तक बॉर्डर पर खडे रहे। इस दौरान पैरों में सूजन आ गई तो साथ ही भूख प्यास आदि परेशानियों से भी जूझते रहे।
READ MORE : पहले संपत्ति बांटी, फिर किया अंतिम संस्कार तीसरे दिन शाम को उनके मेडीकल कॉलेज के डीन के आने के बाद रोमानिया में प्रवेश मिला। इसके बाद भारत सरकार एवं रोमानिया द्वारा सभी भारतीय विद्यार्थियों को फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं मुहैया कराई गईं। बुधवार को वह रोमानिया से भारत के लिए रवाना हुआ। सुरक्षित घर लौटने एवं परिजन के साथ होने से खुशी है।
किशनगढ एयरपोर्ट पर छलके आंसू यूक्रेन में समस्याओं से जूझकर जब पंकज गुरुवार को किशनगढ़ एयरपोर्ट पहुंचने पर जब बाहर आया तो पिता राजेन्द्र सिंह को सामने देख आंसू छलक उठे। विकट हालात के बीच छात्र के सकुशल लौटने पर परिजन की भी अश्रुधारा बहने लगी।