ऐसे में विद्यार्थियों को पिछले साल से पांच प्रतिशत ज्यादा परीक्षा शुल्क देना पड़ेगा। परीक्षा फार्म भरने की तिथियां, पेपर स्कीम और अन्य सूचना जल्द वेबसाइट पर अपलोड होंगी। विश्वविद्यालय को परीक्षा शुल्क से करीब 55 करोड़ रुपए की आय होगी। स्नातक और स्नातकोत्तर की सभी परीक्षाओं की फीस कुछ बढ़ जाएगी।
3.40 लाख विद्यार्थी देंगे परीक्षा वर्ष 2019 की स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं में करीब 3.40 लाख विद्यार्थी परीक्षा देंगे। इनमें 1 लाख से ज्यादा विद्यार्थी तो प्रथम वर्ष के होंगे। अन्य विद्यार्थियों द्वितीय, तृतीय वर्ष, स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध और उत्तर्राद्र्ध के विद्यार्थी शामिल होंगे। फार्म भरने की तिथियां, विद्यार्थियों की पेपर स्कीम, फीस और अन्य सूचनाएं कम्प्यूटर फर्म को दी जाएगी। यह विश्वविद्यालय के पोर्टल पर उपलब्ध होंगी।
2019 में होंगे कई परीक्षा नवाचार, कुछ यूं बदलेगा नजारा परीक्षात्मक नवाचारों के लिहाज से साल 2019 काफी अहम होगा। सीबीएसई, महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय सहित इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षाओं में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। परीक्षा में बैठने विद्यार्थियों को नए कलेवर में परीक्षाओं में बैठना पड़ेगा।
पिछले तीस साल से सीबीएसई ही आईआईटी और एनआईटी संस्थानों में प्रवेश के लिए जेईई मेन्स (पूर्व में एआईआईई) परीक्षा करा रहा था। अगले साल से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यह परीक्षा दो मर्तबा कराएगी। परीक्षा जनवरी और अप्रेल में होगी। इसी तरह टेस्टिंग एजेंसी ही इस साल दिसम्बर और अगले साल जुलाई-अगस्त में यूजीसी-नेट परीक्षा कराएगी।
लॉ में बैक प्रणाली
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय विधि संकाय के प्रथम वर्ष में बैक प्रणाली लागू कर सकता है। साल 2019 में प्रथम वर्ष की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है। इस पर सिद्धांतत: सहमति बन चुकी है। हालांकि लॉ कॉलेज में मौजूदा सत्र में प्रथम वर्ष के प्रवेश नहीं हुए हैं।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय विधि संकाय के प्रथम वर्ष में बैक प्रणाली लागू कर सकता है। साल 2019 में प्रथम वर्ष की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है। इस पर सिद्धांतत: सहमति बन चुकी है। हालांकि लॉ कॉलेज में मौजूदा सत्र में प्रथम वर्ष के प्रवेश नहीं हुए हैं।