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13 साल बाद आया यूनिवर्सिटी में खुशी का मौका, सबने मिलकर लिया ये फैसला

locationअजमेरPublished: Apr 22, 2018 03:30:41 pm

Submitted by:

raktim tiwari

इसके बाद यूनिवर्सिटी ने राज्य सरकार के एक आदेश का हवाला देकर चुनाव कराने बंद कर दिए।

staff election in mds university

staff election in mds university

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में कर्मचारी संघ चुनाव हुए। प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला रहा। नतीजे पूर्वानुमान के अनुरूप सामने आए। इसमें दिलीप शर्मा मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष चुने गए। इसके अलावा नौ कार्यकारिणी सदस्य भी चुने गए। वहीं गुट्टाराम सेन सहायक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष चुने गए।
विश्वविद्यालय में करीब 13 साल बाद मंत्रालयिक कर्मचारी और
सहायक कर्मचारी संघ के चुनाव कराए गए। शनिवार को सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक मतदान हुआ। इसके बाद मतगणना हुई। निर्वाचन अधिकारी प्रो. सतीश अग्रवाल, डॉ. डी.एस. चौहान सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने चुनाव कराए।
क्लीन और ग्रीन चुनाव

विश्वविद्यालय में हुए कर्मचारी संघ चुनाव क्लीन और ग्रीन अवधारण के तहत कराए गए। चुनावों में धुआंधार प्रचार-प्रसार नहीं दिखा। कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में भी स्वच्छता का संदेश दिया।
इन्हें मिले इतने मत
मंत्रालयिक संवर्ग

कुल मत-183, मतदान-177
अध्यक्ष- दिलीप शर्मा 118, मनोज विश्नोई 58, खारिज 1

कार्यकारिणी सदस्य- दुर्गेश भारद्वाज 126, शेखर गुप्ता 118, पुष्पेंद्र 118, आर.के. जैन 114, आशीष चौरसिया 111, धर्मेन्द्र कुमार 101, सुरेंद्र कुमावत 97, गोपाराम 96, छोटूराम 91, नीरज पंवार 72, प्रेमराज मीणा 65, पृथ्वी सिंह 58, मंगल 54, पवन 49, विजय कुमार 11,
सहायक कर्मचारी संवर्ग

कुल मत 103, मतदान 97

अध्यक्ष- गुट्टाराम सेन 44, रामगोपाल 42, भागचंद 3, सूरजलाल 6, खारिज 2
उपाध्यक्ष- प्रमोद सिंह 58, बाबूलाल शर्मा 33, खारिज 6

महामंत्री- कैलाशचंद्र 44, गोपालसिंह चौधरी 6, कृष्णमोहन तिवारी 42, खारिज 5
संयुक्त मंत्री- परसराम गुर्जर 63, सुरेश कुमार 31, खारिज 3


बंद हो गए थे चुनाव

विश्वविद्यालय में अंतिम बार 2004 में कर्मचारी संघ के चुनाव हुए थे। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने राज्य सरकार के एक आदेश का हवाला देकर चुनाव कराने बंद कर दिए। इसके चलते प्रशासन कर्मचारियों पर ज्यादा हावी रहा। कर्मचारियों के कई मुद्दे अटके रहे। 2015 में तत्कालीन कुलपति प्रेा. कैलाश सोडाणी की सहमति से कर्मचारी कल्याण परिषद का गठन किया गया। करीब पौने दो साल तक परिषद ने कर्मचारियों से जुड़े कई मुद्दे सुलझाए। साल 2018 की शुरुआत में पूर्व कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने 13 साल बाद कर्मचारी संघों के चुनाव कराने की सहमति दी। इसके चलते संघों के चुनाव वापस कराए गए हैं।
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