साल 2017 में लोकसभा उपचुनाव के चलते अजमेर में पूर्व सीएम कई बार आईं। इसके चलते कॉरपॉरेशन ने आनन-फानन में निर्माण शुरू कराया। यह तीन साल में भी बनकर तैयार नहीं हो पाया। यहां ग्रीन रूम, पोर्च, स्टेज, बालकॉनी, लिफ्ट और अन्य निर्माण हुए। पिछले साल इसका काम पूरा हुआ। सभागार की निर्माण लागत 17 करोड़ रुपए बताई गई है।
ऑडिटोरियम में केवल कार्पेट और कुर्सियां लगाई जानी हैं। यह नियमानुसार सरकार के जेम पोर्टल से खरीदी जानी हैं। लेकिन आरएसआरडीसी और विवि निर्माण कार्य के हिसाब-किताब में ही उलझे हुए हैं। एक साल से भवन अनुपयोगी पड़ा है। पिछले साल कुलपति प्रो. अनिल कुमार शुक्ला इसका निरीक्षण भी कर चुके हैं।
पूर्व कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने सत्यार्थ सभागार का कामकाज शुरू नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने दूसरी निर्माण एजेंसी को कामकाज सौंपने की योजना बना ली थी। राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों में कार्यरत एजेंसियों से संपर्क किया गया। उन्होंने सीएमओ और उच्च शिक्षा विभाग में भी आरएसआरडीसी के लेटलतीफी पर पेनल्टी लगाने की शिकायत भेजी थी।
-सभागार में लगा है सेंट्रल ए.सी
-प्रोजेक्टर, स्क्रीन, हाइटेक साउंड सिस्टम
-अत्याधुनिक अग्निशमन यंत्र
-पार्र्किंग के लिए पर्याप्त स्थान
-संस्थाओं को किराए पर देकर आय
-भवन के आसपास घास-पेड़-पौधे
-दीक्षांत, सांस्कृतिक और अन्य समारोह
ऑडिटोरियम बिल्कुल तैयार है। इसमें कुर्सियां और कार्पेट ही खरीदे जाने हैं। जल्द यह सामग्री खरीदकर ऑडिटोरियम का लोकार्पण कराया जाएगा।
प्रो. प्रवीण माथुर, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, मदस विवि