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इस यूनिवर्सिटी की जेब पर लगेगी चपत, फिर से करना पड़ेगा ये काम

locationअजमेरPublished: Sep 16, 2018 05:35:05 pm

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

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अजमेर.

निरस्त हुए नवें दीक्षान्त समारोह ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को हजारों रुपए की चपत भी लगा दी है। तत्कालीन कुलपति के आकस्मिक निधन से 800 निमंत्रण पत्र बेकार हो चुके हैं। अब विश्वविद्यालय को समारोह होने पर नए सिरे से निमंत्रण पत्र छपवाने पड़ेंगे।
विश्वविद्यालय में 1 अगस्त को नवां दीक्षान्त समारोह होना था। इसमें संकायवार श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 35 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक और शोधार्थियों को पीएचडी उपाधियां वितरित होनी थी। इस दौरान बीती 21 जुलाई को कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली का आकस्मिक निधन हो गया। इसके चलते राज्यपाल एवं कुलाधिपति कल्याण सिंह ने दीक्षान्त समारोह स्थगित कर दिया था।
बेकार हुए 800 कार्ड

प्रो. श्रीमाली ने दीक्षान्त समारोह की सभी तैयारियां पूरी करा दी थी। उनकी मंशानुसार 21 जुलाई को ही प्रिंटिंग फर्म ने 800 निमंत्रण पत्र मुद्रित कर विश्वविद्यालय को सौंप दिए थे। इसमें राज्यपाल कल्याण सिंह के अलावा दीक्षान्त भाषण के बतौर बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व सीएमडी डॉ. अनिल खंडेलवाल, शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल के नाम लिखवाए गए। इस बीच कुलपति के निधन से सभी कार्ड बेकार हो गए।
हजारों रुपए की चपत

विश्वविद्यालय को कार्ड छपाई की एवज में हजारों रुपए की चपत लग गई है। अब दीक्षान्त समारोह होने पर नए सिरे से कार्ड छपवाने होंगे। इसके अलावा विश्वविद्यालय समारोह के दौरान मंच पर लगाने के लिए बड़ा फ्लैक्स भी प्रिंट करा चुका था। कार्ड प्रिंटिंग करने वाली फर्म ने विश्वविद्यालय को बिल देकर भुगतान भी मांगा है।
वरना विलम्ब तय…
विश्वविद्यालय में 12 दिन से कुलपति पद रिक्त है। मुख्यमंत्री की सुराज गौरव यात्रा निकाली जा रही है। वे 30 सितम्बर तक प्रदेश के विभिन्न इलाकों के दौरे पर हैं। इस लिहाज से सरकार और राजभवन के पास ज्यादा वक्त नहीं है। इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। समय रहते कुलपति की नियुक्ति नहीं हुई तो फिर विलम्ब होना तय है।
नहीं फैंक मैदानों-नदियों में फूल, फैलती है इनसे गंदगी

अजमेर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आस्था के साथ पर्यावरण की शुद्धता बनाए रखी जानी चाहिए।आम तौर पर लोग मन्दिरों में चढ़ाए फूलों को नदियों में विसर्जन कर देते हैं। यह बात उन्होंने स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत अजमेर दरगाह में खादिमों से बातचीत के दौरान कही।
उनहोंने कहा फूल और अन्य सामग्री फैंकने से नदियों, तालाबों, मैदानों और पहाड़ों पर गंदगी फैलती है। जल स्त्रोत भी प्रभावित होते हैं। इस बारे में सभी को शिक्षित किया जाना जरूरी है। अजमेर में किए जा रहे प्रयास सराहनीय है। यह स्मार्ट सिटी बनाए जाने की दिशा में अच्छा कदम है। अंजुमन सैयद जादगान के अध्यक्ष सैयद मोईन हुसैन चिश्ती ने बताया कि दरगाह विकास के लिए हाल ही 61 करोड़ 22 लाख रूपए का एमओयू भी हुआ है।
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