कुलपति की गैर मौजूदगी से पिछले छह महीने में विश्वविद्यालय का कामकाज चरमरा गया है। परीक्षाओं के संचालन, लेखानुदान, बजट, विभिन्न टेंडर के लिए विश्वविद्यालय को राजभवन जाना पड़ रहा है। हालां कि लेखानुदान सहित कुछ मामलों के निष्पादन के लिए डीन कमेटी को अधिकृत किया है। लेकिन कुलपति की तरह कमेटी अहम फैसले नहीं ले सकती है।
-10 महीने से नहीं हुई प्रबंध मंडल की बैठक – अटका हुआ है नवां दीक्षान्त समारोह
-नहीं हो पाई है शोध प्रवेश परीक्षा
-कर्मचारियों, शिक्षकों, अधिकारियों को सातवां वेतनमान