MDSU: बनाए थे मनमाने ढंग से परीक्षा केंद्र, अब खुलेंगे राज
परीक्षा केंद्र गठन नियमों का कई सदस्यों ने विरोध किया। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सदस्यों की आपत्ति दरकिनार करते हुए केंद्र गठित किए गए।
अजमेर.
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में हुए घूसकांड की तपन बरकरार है। कुलसचिव ने परीक्षा विभाग को पत्रावली भेजकर रामपाल द्वारा बनाए परीक्षा केंद्रों की सूचना मांगी है। उधर विधानसभा में भी नियम विरुद्ध परीक्षा केंद्र बनाने के मामले में सवाल लगा हुआ है।
सालाना परीक्षाओं के लिए विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष विद्यार्थियों और क्षेत्रीय आवश्यकता अनुसार परीक्षा केंद्र बनाता रहा है। नियमानुसार किसी कॉलेज में लगातार तीन सत्र की नियमित परीक्षाएं और न्यूनतम 300 विद्याथी होना जरूरी है। पेपर सुरक्षा, पर्याप्त संसाधन और अन्य मापदंड पूरा करने वाला कॉलेज ही परीक्षा केंद्र बनाए जाते रहे हैं। लेकिन सत्र 2019-20 की परीक्षाओं के लिए कॉलेज में नए केंद्र गठन की योजना बनाई गई। इसके पीछे विद्यार्थियों की मांग और क्षेत्रीय जरूरत का तर्क दिया गया। घूसकांड में बर्खास्त रामपाल सिंह ने बाकायदा एक परीक्षा समिति गठित की।
कॉलेजों से सीधी डील का रास्ता
नाम नहीं छापने की शर्त पर पूर्व कुलपति ने बताया कि सत्र 2019-20 की परीक्षाओं के लिए कॉलेज में नए केंद्र गठन की योजना बनी। विद्यार्थियों की मांग और क्षेत्रीय जरूरत का तर्क दिया गया। कुलपति के स्तर पर बाकायदा एक परीक्षा समिति गठित की गई। इसमें डीन समेत कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षक शामिल किए गए। पुराने नियमों को किनारा करते हुए करीब 30 नए केंद्र बनाए गए। इनमें ज्यादातर कॉलेज नागौर और टोंक जिले के हैं।
कुलसचिव ने मांगी सूचना
कुलसचिव भागीरथ सोनी ने परीक्षा विभाग में पत्रावली भेजी है। इसमें उन्होंने पूछा है, कि पूर्व कुलपति रामपाल सिंह के कार्यकाल में कई परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इनके बारे में काफी छपा है। इन परीक्षा केंद्रों की संख्या और सूचना अविलम्ब भेजी जाए।
एकेडेमिक कौंसिल-बॉम में हुआ था विरोध
एकेडेमिक कौंसिल और प्रबंध मंडल बैठक में परीक्षा केंद्र गठन नियमों का कई सदस्यों ने विरोध किया। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सदस्यों की आपत्ति दरकिनार करते हुए केंद्र गठित किए गए।
लगा है विधानसभा में सवाल
अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल ने बताया कि कॉलेज में नियम विरुद्ध परीक्षा केंद्र बनाने के मामले में उन्होंने विधानसभा में सवाल लगाया है। इसमें परीक्षा केंद्र गठन के पुराने नियम, कुलपति द्वारा परीक्षा समिति का गठन, विद्यार्थियों की संख्या, नए केंद्र गठन के नियम पर जवाब मांगा है। लेकिन प्रत्युत्तर नहीं मिला है।
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