विवि में 2018 में प्रो. विजय श्रीमाली के निधन के बाद कुलपति पद रिक्त हो गया था। तत्कालीन सर्च कमेटी ने 28 अगस्त से ऑनलाइन आवेदन मांगे। इसमें तत्कालीन सरकार, राजभवन और कमेटी स्तर पर कुलपति पद आवेदन नियमों में फेरबदल कर दिया गया। जबकि यूजीसी के नियम बिल्ुकल स्पष्ट थे।
यह थी 2017 में शैक्षिक योग्यता…..
यूजीसी के नियमानुसार किसी विश्वविद्यालय अथवा कॉलेज में बतौर प्रोफेसर 10 साल का अध्यापन और शोध अनुभव रखने वाले शिक्षाविदों, अथवा शैक्षिक प्रशासनिक संस्थान में कामकाज का अनुभव रखने वालों से आवेदन मांगे गए थे। इसमें साफ तौर पर कहा गया कि शिक्षाविद (अभ्यर्थी) आवेदन की अंतिम तिथि तक 70 साल से कम उम्र के होने चाहिए। इन्हें तीन साल अथवा 70 वर्ष की आयु जो भी पहले हो उसके तहत नियुक्त किया जाएगा।
यूजीसी के नियमानुसार किसी विश्वविद्यालय अथवा कॉलेज में बतौर प्रोफेसर 10 साल का अध्यापन और शोध अनुभव रखने वाले शिक्षाविदों, अथवा शैक्षिक प्रशासनिक संस्थान में कामकाज का अनुभव रखने वालों से आवेदन मांगे गए थे। इसमें साफ तौर पर कहा गया कि शिक्षाविद (अभ्यर्थी) आवेदन की अंतिम तिथि तक 70 साल से कम उम्र के होने चाहिए। इन्हें तीन साल अथवा 70 वर्ष की आयु जो भी पहले हो उसके तहत नियुक्त किया जाएगा।
2018 में कम किए तीन साल
कुलपति पद के विज्ञापन में विश्वविद्यालय अथवा कॉलेज में बतौर प्रोफेसर 10 साल का का अध्यापन और शोध अनुभव रखने वाले शिक्षाविदों, अथवा शैक्षिक प्रशासनिक संस्थान में कामकाज का अनुभव रखने वालों से आवेदन मांगे गए। इसमें कहा गया कि शिक्षाविद (अभ्यर्थी) आवेदन की अंतिम तिथि तक 67 साल से कम उम्र के होने चाहिए। इन्हें तीन साल अथवा 70 वर्ष की आयु जो भी पहले हो उसके तहत नियुक्त किया जाएगा। यानि साफ तौर पर विश्वविद्यालय ने अधिकतम आयु 70 से घटाकर 67 कर दी।
कुलपति पद के विज्ञापन में विश्वविद्यालय अथवा कॉलेज में बतौर प्रोफेसर 10 साल का का अध्यापन और शोध अनुभव रखने वाले शिक्षाविदों, अथवा शैक्षिक प्रशासनिक संस्थान में कामकाज का अनुभव रखने वालों से आवेदन मांगे गए। इसमें कहा गया कि शिक्षाविद (अभ्यर्थी) आवेदन की अंतिम तिथि तक 67 साल से कम उम्र के होने चाहिए। इन्हें तीन साल अथवा 70 वर्ष की आयु जो भी पहले हो उसके तहत नियुक्त किया जाएगा। यानि साफ तौर पर विश्वविद्यालय ने अधिकतम आयु 70 से घटाकर 67 कर दी।
यूजीसी पहुंची सुप्रीम कोर्ट
देश भर में केंद्रीय/राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्ति नियम यूजीसी ने तय किए हैं। उन्हीं शैक्षिक-प्रशासनिक मापदंडों के अनुरूप विज्ञापन जारी कर आवेदन लिए जाते हैं। राजस्थान में तत्कालीन राज्यपाल, सरकार और सर्च कमेटी स्तर पर ‘आयु Ó फेरबदल कर दिया। जबकि नियमों-शर्तों में किसी भी फेरबदल के लिए यूजीसी ही अधिकृत है। इसको लेकर यूजीसी ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।
देश भर में केंद्रीय/राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्ति नियम यूजीसी ने तय किए हैं। उन्हीं शैक्षिक-प्रशासनिक मापदंडों के अनुरूप विज्ञापन जारी कर आवेदन लिए जाते हैं। राजस्थान में तत्कालीन राज्यपाल, सरकार और सर्च कमेटी स्तर पर ‘आयु Ó फेरबदल कर दिया। जबकि नियमों-शर्तों में किसी भी फेरबदल के लिए यूजीसी ही अधिकृत है। इसको लेकर यूजीसी ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।
अब ध्यान रखना होगा कमेटी को
प्रो. एम.सी. गोविल की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी को कुलपति पद के विज्ञापन से पहले यूजीसी की अर्हता का ध्यान रखना होगा। बीकानेर और उदयपुर के कुलपतियों के आवेदन परफॉर्मा में भी यही दिक्कतें आई थीं। कमेटी में दीनदयाल गोरखपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. राजेश सिंह, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रो. पी. एस. वर्मा और राजऋर्षि यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. जे. पी. यादव शामिल हैं।
प्रो. एम.सी. गोविल की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी को कुलपति पद के विज्ञापन से पहले यूजीसी की अर्हता का ध्यान रखना होगा। बीकानेर और उदयपुर के कुलपतियों के आवेदन परफॉर्मा में भी यही दिक्कतें आई थीं। कमेटी में दीनदयाल गोरखपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. राजेश सिंह, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रो. पी. एस. वर्मा और राजऋर्षि यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. जे. पी. यादव शामिल हैं।