कुलाधिपति और राज्यपाल कलराज मिश्र ने रामपाल को बीती 6 अप्रेल को लिखित अभ्यावेदन और सुनवाई के लिए बुलाया था। उसने राज्यपाल को अपना जवाब दे दिया। लेकिन दस दिन बीतने के बावजूद सरकार और राजभवन उसको हटाने को लेकर फैसला नहीं कर पाए हैं।
यूं होनी है कार्रवाई
सरकार ने विश्वविद्यालय की विधियां (संशोधन) विधेयक 2019 पारित किया था। इसकी नियम की उपधारा (1) में कहा गया है किस भी जांच के लंबित रहने, मृत्यु/त्यागपत्र पर कामकाज प्रभावित होने की स्थिति में कुलाधिपति , सरकार के परामर्श पर कुलपति को हटा सकेंगे। रामपाल को 9 दिसंबर को राज्यपाल ने कुलपति पद से बर्खास्त कर दिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने उसकी याचिका पर बर्खास्त रद्द करते हुए सुनवाई का अवसर देने और नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा था।
सरकार ने विश्वविद्यालय की विधियां (संशोधन) विधेयक 2019 पारित किया था। इसकी नियम की उपधारा (1) में कहा गया है किस भी जांच के लंबित रहने, मृत्यु/त्यागपत्र पर कामकाज प्रभावित होने की स्थिति में कुलाधिपति , सरकार के परामर्श पर कुलपति को हटा सकेंगे। रामपाल को 9 दिसंबर को राज्यपाल ने कुलपति पद से बर्खास्त कर दिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने उसकी याचिका पर बर्खास्त रद्द करते हुए सुनवाई का अवसर देने और नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा था।
अटकी स्थाई कुलपति की नियुक्ति
स्थाई कुलपति पद के लिए 26 जनवरी से 26 फरवरी तक आवेदन मांगे गए थे। प्रो. एम.सी.गोविल की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी को आवेदनों की स्क्रूटनी कर और पैनल बनाकर राज्यपाल और सरकार को सौंपना है। लेकिन रामपाल की बर्खास्त रद्द होने और उसके दिए जवाब पर अब तक कोई फैसला नहीं होने से स्थाई कुलपति की नियुक्ति अटकी हुई है।
स्थाई कुलपति पद के लिए 26 जनवरी से 26 फरवरी तक आवेदन मांगे गए थे। प्रो. एम.सी.गोविल की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी को आवेदनों की स्क्रूटनी कर और पैनल बनाकर राज्यपाल और सरकार को सौंपना है। लेकिन रामपाल की बर्खास्त रद्द होने और उसके दिए जवाब पर अब तक कोई फैसला नहीं होने से स्थाई कुलपति की नियुक्ति अटकी हुई है।
यह था मामला
बीते वर्ष 7 सितंबर को दलाल रणजीत, कॉलेज प्रतिनिधि महिपाल सिंह और रामपाल सिंह को एसीबी ने 2.20 लाख रुपए रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया था। रामपाल और उसके नेटवर्क में शामिल लोग कॉलेज में परीक्षा केंद्र बनवाने और सम्बद्धता को लेकर राशि वसूलने में जुटे थे। रामपाल और उसके दलाल सहित अन्य लोगों को हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा किया है।
बीते वर्ष 7 सितंबर को दलाल रणजीत, कॉलेज प्रतिनिधि महिपाल सिंह और रामपाल सिंह को एसीबी ने 2.20 लाख रुपए रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया था। रामपाल और उसके नेटवर्क में शामिल लोग कॉलेज में परीक्षा केंद्र बनवाने और सम्बद्धता को लेकर राशि वसूलने में जुटे थे। रामपाल और उसके दलाल सहित अन्य लोगों को हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा किया है।