विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष स्नातक आर स्नातकोत्तर स्तर की विषयवार परीक्षाएं कराता हैं। इनमें कला, वाणिज्य, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, विधि, प्रबंधन और अन्य संकाय शामिल हैं। परीक्षाओं के बाद नतीजे घोषित होते हैं। विषयवार घोषित परिणामों के कंप्यूटराइज्ड टेबुलेशन रजिस्टर बनते हैं। इसकी एक प्रति संबंधित अनुभाग, दूसरी गोपनीय विभाग और तीसरी कंप्यूटर सेंटर में भेजी जाती है।
इसीलिए होते हैं करेक्शन
मुख्य परीक्षाओं में नंबर कम आने पर विद्यार्थी पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करते हैं। इनमें ३० से ४० प्रतिशत विद्यार्थियों के नंबर बढ़ जाते हैं। नियमानुसार बढ़े हुए नंबरों को मूल परीक्षा परिणामों के टेबुलेशन रजिस्टर में अंकित कर सील लगानी पड़ती है। ताकि परीक्षा और गोपनीय विभाग विद्यार्थियों के परिणाम को लेकर प्रतिवर्ष अपडेट रहे। साथ ही उसे सही मार्कशीट मिले।
मुख्य परीक्षाओं में नंबर कम आने पर विद्यार्थी पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करते हैं। इनमें ३० से ४० प्रतिशत विद्यार्थियों के नंबर बढ़ जाते हैं। नियमानुसार बढ़े हुए नंबरों को मूल परीक्षा परिणामों के टेबुलेशन रजिस्टर में अंकित कर सील लगानी पड़ती है। ताकि परीक्षा और गोपनीय विभाग विद्यार्थियों के परिणाम को लेकर प्रतिवर्ष अपडेट रहे। साथ ही उसे सही मार्कशीट मिले।
कम स्टाफ ने बढ़ाई चुनौती
विश्वविद्यालय के एक्ट के मुताबिक टीआर में करेक्शन अनुभाग अधिकारी अथवा सहायक ही करने के लिए अधिकृत हैं। इनके किए करेक्शन पर परीक्षा विभाग के सहायक कुलसचिव के हस्ताक्षर होते हैं। ताकि संशोधनों में कोई त्रुटि नहीं रहे। लेकिन लगातार सेवानिवृत्तियों से विश्वविद्यालय का परीक्षात्मक कामकाज प्रभावित हो रहा है।
विश्वविद्यालय के एक्ट के मुताबिक टीआर में करेक्शन अनुभाग अधिकारी अथवा सहायक ही करने के लिए अधिकृत हैं। इनके किए करेक्शन पर परीक्षा विभाग के सहायक कुलसचिव के हस्ताक्षर होते हैं। ताकि संशोधनों में कोई त्रुटि नहीं रहे। लेकिन लगातार सेवानिवृत्तियों से विश्वविद्यालय का परीक्षात्मक कामकाज प्रभावित हो रहा है।
पांच साल का बैकलॉग
बीए, बीएससी, बी.कॉम (प्रथम से तृतीय वर्ष) सहित स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध और उत्तर्राद्र्ध के विषयवार टीआर का बैकलॉग बढ़ता जा रहा है। पांच साल से पुराने टीआर में संशोधन बकाया हैं। परीक्षा विभाग में अनुभाग अधिकारी और सहायक कम बचे हैं। यूडीसी, एलडीसी स्तर के कर्मचारी यह कार्य नहीं कर सकते हैं। इसके चलते विद्यार्थियों के अंकतालिकाओं में संशोधन के आवेदन बढ़ रहे हैं।
बीए, बीएससी, बी.कॉम (प्रथम से तृतीय वर्ष) सहित स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध और उत्तर्राद्र्ध के विषयवार टीआर का बैकलॉग बढ़ता जा रहा है। पांच साल से पुराने टीआर में संशोधन बकाया हैं। परीक्षा विभाग में अनुभाग अधिकारी और सहायक कम बचे हैं। यूडीसी, एलडीसी स्तर के कर्मचारी यह कार्य नहीं कर सकते हैं। इसके चलते विद्यार्थियों के अंकतालिकाओं में संशोधन के आवेदन बढ़ रहे हैं।
मिलेंगे 1051 आरएएस ऑफिसर, जल्द शुरू होंगे इंटरव्यू रक्तिम तिवारी/अजमेर. राज्य को 1051आरएएस एवं अधीनस्थ अधिकारी जल्द मिलेंगे। राजस्थान लोक सेवा आयोग आरएएस-2018 का साक्षात्कार कार्यक्रम बनाने में जुट गया है। हाईकोर्ट खंडपीठ के पुन: परिणाम जारी नहीं करने आदेशों से आयोग को राहत मिली है। अध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र यादव ने सदस्यों और अधिकारियों से चर्चा की। साक्षात्कार मार्च अंत अप्रेल में शुरू किए जा सकते हैं।