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अजमेर : ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना से जंग के खिलाफ चिकित्सा संसाधन नाकाफी,जिले के सीएचसी अव्यवस्थाओं के शिकार

locationअजमेरPublished: May 14, 2021 01:02:46 am

Submitted by:

suresh bharti

अजमेर जिले के गांवों में कोरोना संक्रमण का कहर जारी, इसके बावजूद नहीं हो पाई व्यवस्थाएं दुरुस्त, उपखण्ड मुख्यालयों व अन्य कस्बों की सीएचसी में कोविड उपचार का नहीं समुचित प्रबंध

अजमेर : ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना से जंग के खिलाफ चिकित्सा संसाधन नाकाफी,जिले के सीएचसी अव्यवस्थाओं के शिकार

अजमेर : ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना से जंग के खिलाफ चिकित्सा संसाधन नाकाफी,जिले के सीएचसी अव्यवस्थाओं के शिकार

ajmer अजमेर. कोरोना संक्रमण ने शहरों से अब तेज गति से ग्रामीण क्षेत्रों का रुख कर लिया है। मगर देहात में चिकित्सा व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं। उपखण्ड मुख्यालयों व बड़े कस्बों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) खुद ‘बीमार’ हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार की यहां कोई समुचित व्यवस्थाएं नहीं है। यहां ना तो ऑक्सीजन सिलेंडर है ना किसी तरह की जीवनरक्षक उपकरण।
मरीज की ऑक्सीजन लेवल 85 से 88 आने के बावजूद उसे मैंटेन रखने की यहां कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। हालात यह है कि यहां से मरीजों को सिर्फ रैफर से सिवा कोई चारा नहीं है। राज्य सरकार की ओर से भले ही चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के प्रयास किए गए हैं लेकिन अधिकांश ब्लॉक की सीएचसी उपचार व सुविधाओं के लिहाज से आज भी खाली हाथ हैं।
अप्रेल-मई में तेजी स बढ़े मरीज

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अप्रेल एवं मई माह में कोरोना संक्रमण के नए मामलों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। इसमें उपखण्ड मुख्यालय, ग्राम पंचायतों के साथ गांवों में कोरोना संदिग्ध की मौतों ने भय का माहौल बना दिया है वहीं संक्रमित केस भी अधिक आए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कर उपचार करने के बजाय जेएलएन अस्पताल के लिए रैफर किया जा रहा है, इससे यहां दबाव बढऩे से ऑक्सीजन बेड की किल्लत आने लगी है। घंटों तक ऑक्सीजन बेड का इंतजार करना पड़ रहा है।
सीएचसी भिनाय : ऑक्सीजन का नहीं एक भी बेड, ना कोई भर्ती

उपखंड मुख्यालय भिनाय स्थित सीएचसी में ओपीडी 100 से अधिक है। अब तक अस्पताल में 89 कोविड मरीज आए हैं। इनमें से कोई भी भर्ती नहीं है। यहां ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था नहीं है। ऑक्सीजन लेवल कम आने वाले मरीजों को जेएलएन अस्पताल रैफर किया जा रहा है।
गुरुवार को वार्ड के सभी बेड खाली थे। सीएचसी में दवाइयों की उपलब्धता बताई जा रही है, लेकिन कोविड मरीजों को सुविधा नहीं मिलने से यहां भिनाय सहित आसपास की करीब 50 हजार की आबादी उपचार के लिए जिला मुख्यालय के भरोसे है।
सरवाड़ में अब दस बेड का कोविड केयर सेन्टर

सरवाड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में दस बेड की क्षमता का डेडीकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर स्थापित करने के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के दिए निर्देश के बाद गुरुवार को यहां चिकित्सालय प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी। हालांकि तीन दिन पूर्व ही यहां कोविड सेंटर शुरू किया जा चुका है। यहां पांच कोरोना पॉजिटिव रोगी उपचाररत हैं। सीएचसी में वर्तमान में कुल 30 बेड लगे हुए हैं। पांच कंस्ट्रेटर, दस बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। छह चिकित्सक कार्यरत है। पर्याप्त संख्या में अन्य चिकित्सा कर्मी भी नियुक्त है।
हैल्थ सेंटर के विधिवत संचालन के लिए अभी यहां पांच कंस्ट्रेटर, दस रेग्यूलेटर, नेग्यूलाइजर मशीन, नेजल प्रोंग, मास्क, रेमेडेसिविर इंजेक्शन के साथ कुछ जरूरी दवा आदि की दरकार है। दो विशेषज्ञ चिकित्सक, एक अतिरिक्त लेब टेक्नीशियन, रेडियोग्राफ र की भी आवश्यकता है।
श्रीनगर सीएचसी : चिकित्सक व स्टाफ के पद खाली

श्रीनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कोविड मरीजों के उपचार के लिए अब तक किसी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी, लेकिन राज्य सरकार की ओर से अब पांच ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की गई है। सीएचसी में एक वार्ड रूम बनाकर पांच ऑक्सीजन बेड लगाए गए हैं।
सीएचसी श्रीनगर में चिकित्सकों के पांच, नर्सिंग स्टाफ के सात, स्वीपर-वार्ड बॉय का एक-एक, नर्स ग्रेड द्वितीय के 4, नर्स ग्रेड प्रथम का एक, फार्मासिस्ट का एक पद रिक्त है। यहां करीब 150 का आउटडोर है। कोरोना संक्रमितों को अजमेर भी रैफर किया गया है। प्रभारी चिकित्सक डॉ. यशवंत गुरुबक्षानी ने बताया कि ऑक्सीजन बेड मिलने से कुछ राहत मिल सकेगी।
जवाजा सीएचसी: छह बैड और पांच सिलेण्डर भरोसे

जवाजा पंचायत समिति मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से करीब 1.25 लाख से ज्यादा ग्रामीणों की सेहत जुड़ी है। 20 से ज्यादा ग्राम पंचायतों के बीच चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधा पाने के लिए सबसे पहले जवाजा सीएचसी को ही प्राथमिकता दी जाती है। जवाजा सीएचसी को कोविड-19 जैसी महामारी में कुछ संसाधन तो मिले है, फिर भी यहां की जनसंख्या और संक्रमित मरीजों को देखते हुए दी जाने वाले चिकित्सा सुविधा कम है।
यहां छह बैड और एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा दी गई। इसके अलावा अस्पताल में रखे पांच ऑक्सीजन सिलेण्डर भी भामाशाह के सहयोग से परिवहन करके अजमेर से भरवाकर मंगवाए गए। ऑक्सीजन सिलेण्डर के रेगुलेटर की भी भामाशाह के सहयोग से व्यवस्था की है। वर्तमान में कोविड वार्ड के लिए 4 नर्सिंग स्टॉफ और 3 वार्ड बॉय की आवश्यकता है।
सावर : मेडिकल ऑफिसर व चार कनिष्ठ विशेषज्ञ पद रिक्त

सावर के राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में 3 पद कनिष्ठ विशेषज्ञ के खाली हैं। अस्पताल में कोविड सेंटर शुरू हुए 3 दिन हो गए। जिला कलक्टर के आदेश पर ऑक्सीजन के सिलेंडर भी भेजे गए हैं। यहां मेडिकल ऑफिसर का एक पद खाली है। इसी के साथ चार कनिष्ठ विशेषज्ञ के पद खाली हैं। सावर सीएचसी में कोविड सेंटर का गत दिनों शुभारंभ हो गया है। इसमें वर्तमान में एक मरीज भर्ती है। ऑक्सीजन के सिलेंडर हैं।
देवगांव : दूसरे जिलों से भी आते हैं मरीज

केकड़ी उपखंड के अंतिम छोर टोंक जिले की सीमा स्थित ग्राम देवगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 30 बेड का है। यहां पर 4 चिकित्सक तैनात कर रखे हैं, जिससे ओपीडी देखी जा रही है। चार चिकित्सकों में से एक को केकड़ी के जिला चिकित्सालय में कोविड वार्ड में लगा रखा है। एक एएनएम तथा 5 नर्स स्टाफ वर्तमान में पदस्थापित हैं। यहां कोविड वार्ड संचालित नहीं हो रहा है। जिले की सीमा पर स्थित होने से यहां कई मरीज दूसरे जिले के भी उपचार कराने आते हैं।
पीसांगन : 2 चिकित्सकों के भरोसे 250-300 मरीजों का आउटडोर

पीसांगन सीएचसी की जिम्मेदारी चिकित्सा अधिकारी राजेंद्र सिंह लामरोड़ के अलावा हाल ही में कुचील से यहां लगाए गए फिजीशियन चिकित्सक गुरुदयाल पर है। यहां 250 से 300 मरीजों का आउटडोर है। यहां भी 6 बेड़ का कोविड कंसल्टेशन वार्ड तीन दिन पूर्व शुरू किया जा चुका है। यहां पर 2 आयुष चिकित्सकों अशरत व कुलदीप की देखरेख में 50 बेड का कोविड केयर सेंटर शुरू किया जा चुका है। बीसीएमओ घनश्याम मोयल के मुताबिक 240 चिकित्सा टीमों द्वारा ब्लॉक में सर्वे कर मेडिकल किट वितरित की जा रही हैं।
अरांई : कोविड वार्ड की शुरूआत

अरांई के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए शुक्रवार से कोविड केयर सेंटर शुरू किया जाएगा। बीसीएमओ डॉ. अनुज पिंगोलिया के अनुसार 5 ऑक्सीजन बेड से शुरुआत की जा रही है। फिलहाल भरे हुए 15 सिलेंडर की उपलब्धता है।
गुरुवार को 2 कंसंट्रेटर की स्वीकृति मिल गई है। नोडल अधिकारी डॉ. विनोद सैनी के अनुसार सीएचसी में 7 चिकित्सकों के स्वीकृत पदों पर 5 चिकित्सक कार्यरत हैं। आठ नर्सिंगकर्मी के पदों पर 6 कार्यरत हैं। लैब तकनीशियन तथा सीनियर लैब तकनीशियन के स्वीकृत एक-एक पद पर कार्मिक कार्यरत हैं। रेडियोग्राफर तथा सहा. रेडियोग्राफर के एक-एक पद स्वीकृत हैं। इनमें सहायक रेडियोग्राफर कार्यरत है।

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