साइट पर ही जांचने होंगे मीटर अजमेर,भीलवाड़ा, नागौर, सीकर, झुंझुनूं, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर तथा प्रतापगढ़ के अधीक्षण अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं कि खराब मीटरों की ऑनसाइट जांच की व्यवस्था करें । यदि यह ठीक पाया जाता है तो इसे सिस्टम में फीड किया जाए, शेष वास्तविक खराब मीटरों को 15 अप्रैल 2022 तक बदला जाए।
मिनी लैब में करवाना होगा परीक्षण साइट से हटाए गए सभी खराब मीटरों को उपखण्ड स्तर पर स्थापित मिनी लैब में प्राथमिक रूप से परीक्षण करवाना होगा और रीडिंग एआरओ को उपलब्ध कराई जाएगी। इससे संबंधित उपभोक्ताओं के खाते में बिल भेजा जाएगा।
निगम को मंहगे पड़ते हैं मीटर निगम के अनुसार मीटर भारी लागत वहन करते हैं। सभी एआरओ को मीटर को बिलिंग सिस्टम में दोषपूर्ण के रूप में फीड करने से पहले मीटर की स्थिति की गहन जांच की जाए। किसी भी मीटर को काम करते हुए पाया जाना साइट पर बदलने की जरूरत नहीं है, लेकिन ऐसे काम करने वाले मीटरों की स्थिति को जेईएन की साइट रिपोर्ट के साथ बिलिंग सिस्टम में ओके के रूप में ठीक किया जा सकता है। इससे न केवल लागत बचेगी बल्कि बिलिंग की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
इनको करनी होगी निर्देशों की पालना अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक एन.एस.निर्वाण) ने निगम के सभी जोन के मुख्य अभियंता, सभी वरिष्ठ लेखाधिकारी, सहायक अभियंता, सहायक लेखाधिकारी, एआरओ को मीटर बदलने के निर्देश दिए हैं। बदले गए मीटरों की रिपोर्ट प्रति सप्ताह मंगलवार को निगम मुख्यालय को भेजनी होगी।