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Mhatama gandhi: कॉलेज में मनाएंगे बापू की 150 वीं जन्म शताब्दी

locationअजमेरPublished: Jul 18, 2019 08:56:41 am

Submitted by:

raktim tiwari

Mhatama gandhi: आठ अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 30 जनवरी को शहीद दिवस पर बड़े कार्यक्रम कराए जाएंगे।

mahatma gandhi

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अजमेर. महात्मा गांधी (Mhatama gandhi ) की 150 वीं जन्म शताब्दी पर प्रदेश के सरकारी और निजी कॉलेज में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में पत्र जारी किया है।
आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि सभी सरकारी और निजी कॉलेज में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वीं जन्म शताब्दी (150th centenary) पर कार्यक्रम चलेंगे। इसके लिए सभी कॉलेज (colleges) को चार महीने की कार्य योजना तैयार करनी जरूरी होगी। जुलाई-अगस्त में पौध रोपण और जल संरक्षण कार्यक्रम होगा। इसमें सभी विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। सितंबर-अक्टूबर में रक्तदान, सफाई अभियान (clean drive), गांधीजी से संबंधित पुस्तक प्रदर्शनी (books exhibition), खादी, गांधीजी के चित्रों की फोटो गैलरी (photo gallery) का प्रदर्शन किया जाएगा।
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इसके अलावा गांधी दर्शन पर विचार गोष्ठी (workshop), सेमिनार (seminar) होंगे। इसमें गांधी सिद्धांत (gandhi theory) व दर्शन की प्रासंगिकता विषय को खासतौर पर शामिल किया जाएगा। आठ अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन (quit india movement), 2 अक्टूबर को गांधी जयंती (gandhi jayanti) और 30 जनवरी को शहीद दिवस (martyrs day) पर बड़े कार्यक्रम कराए जाएंगे।
राजभवन नहीं विश्वविद्यालयों से खुश
गुणवत्ता पूर्ण शोध और ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्त्रोत बढ़ाने में प्रदेश के विश्वविद्यालयों की रुचि नहीं है। इसके चलते ही नैक ग्रेडिंग में उनकी स्थिति संतोषजनक नहीं है। विश्वविद्यालयों के कामकाज से कुलाधिपति (cahncellor) बहुत ज्यादा खुश नहीं है। राजभवन (raj bhawan)ने कई बार सुधार की जरूरत बताई, पर विश्वविद्यालयों पर खास असर नहीं हुआ है। शोध (research) के पेटेंट (petent)नहीं कराए जा रहे। नैक की ग्रेडिंग में बीते दो-तीन साल में विश्वविद्यालयों की खराब स्थिति के पीछे भी यही कारण है। शोधार्थियों और संस्थानों के शोध कार्यों का शहरी अथवा ग्रामीण क्षेत्रों से सीधा जुड़ाव नहीं है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में तो डेढ़ साल साल शोध प्रवेश परीक्षा ही नहीं हुई है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय सहित कई संस्थाओं में बरसात के पानी का संग्रहण नहीं हो रहा है। राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों से इसकी रिपोर्ट मांगी है
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