आते हैं साइबेरिया से यहां एक साथ कलरव ध्वनि के साथ ही अन्य पक्षियों से आकार में काफी बड़े होने के कारण कुरजां पक्षी किसानों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हैं। यहां कुछ समय रुकने के बाद इन पक्षियों का दल उड़ान भरकर यहां से अन्यत्र जलाशय की ओर कूच कर गया। कुरजां नामक यह पक्षी हर वर्ष साइबेरिया से उड़ान भरकर ईरान व अफगानिस्तान होते हुए भारत आते हैं। राजस्थान में इस प्रजाति के प्रवासी पक्षी हर वर्ष बीकानेर व जोधपुर सम्भाग के फलौदी व लोर्डिया गांवों के तालाबों में काफी संख्या में आते हैं। बीसलपुर बांध बनने के बाद से धीरे-धीरे अब प्रवासी पक्षी बांध के जलभराव किनारे भी डेरा डालने लगे हैं।