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अजमेर

लॉकडाउन में लोगों तक पहुंचाया दूध और अन्य सामान

राजस्थान पत्रिका सोशल कनेक्ट
 

अजमेरMay 25, 2020 / 06:31 pm

himanshu dhawal

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हिमांशु धवल

अजमेर. कोरोना संक्रमण में भी भगवान देवनारायण के उपासक गुर्जर समाज के लोगों ने आमजन तक दूध पहुंचाकर अपना मानव धर्म निभाया है। लॉकडाउन के दौरान जहां कई जगह सामग्री की कालाबाजारी हो रही थी, वहीं गुर्जर समाज के लोगों ने बिना किसी व्यावसायिक फायदे के लोगों तक दूध पहुंचाया। हालांकि लॉकडाउन के दौरान पशुओं के लिए चारे आदि की परेशानी का सामना करना पड़ा। राजस्थान पत्रिका के सोशल कनेक्ट अभियान के तहत गुरुवार को गुर्जर समाज के प्रबुद्धजनों ने वेबमीटिंग में विचार साझा किए। प्रबुद्धजनों ने कहा कि गुर्जर समाज के लोग कंधे से कंधा मिलाकर आमजन की सेवा में जुटे हैं। समाज के लोगों ने जरूरतमंदों तक खाना, दवा सहित अन्य व्यवस्थाएं की हैं। लॉकडाउन के दौरान जो समस्या पशुपालकों के सामने आई राजस्थान पत्रिका के सहयोग से जिला प्रशासन ने उसका निराकरण करने में सहयोग किया।
लॉकडाउन पीरियड में गुर्जर समाज ने पूरी ईमानदारी और समय की पाबंदी के साथ विभिन्न इलाकों में दूध की सप्लाई की है। पशुओं के लिए चारे-पानी की परेशानी आई, लेकिन प्रशासन ने पूरी संवेदनशीलता के साथ सहयोग किया। गुर्जर समाज ने पूरे जिले में चलाए गए राहत कार्यों में कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। राजस्थान पत्रिका ने गुर्जर समाज के लोगों की समस्याओं को उठाया, जिससे उनका समाधान भी हुआ है।
सौरभ बजाड़, उपाध्यक्ष देहात कांग्रेस कमेटी

गुर्जर समाज देश और प्रदेश के प्रति एकता, संगठन और संघर्ष के साथ सदियों से खड़ा रहा है। गुर्जर समाज को त्याग, तपस्या और बलिदान के रूप में देखा जाता है। संकट में पूरे देश का गुर्जर समाज एकसाथ खड़ा रहता है। समाज का मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन है। महामारी के बीच पूरा समाज प्रदेश के लोगों के हित देखते हुए दूध, सब्जी और अनाज की सप्लाई कर रहा है। प्रशासन की ओर से चारा-दूध वितरण करने वाले लोगों को किट उपलब्ध कराई जानी चाहिए। सरकार ने गांवों में मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराकर बहुत अच्छा कार्य किया है।
एडवोकेट हरिसिंह गुर्जर, उपाध्यक्ष देहात कांग्रेस

वर्तमान में लॉकडाउन में स्कूल भले ही बंद हों पर राजस्थान सरकार ने बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्माइल प्रोग्राम चलाया गया। इसके लिए सभी बच्चों के पास मल्टीमीडिया फोन होना चाहिए, जो गुर्जर समाज के बच्चों के पास फिलहाल उपलब्ध नहीं है। इससे उन बच्चों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। सरकार इस ओर भी ध्यान दे।
वल्लभराम गुर्जर, मसूदा
कोरोना संक्रमण के दौरान जो दूध का वितरण कर रहे हैं उनको भी चिकित्सकीय दृष्टि से पीपीई किट प्रदान किए जाएं। सरकार की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है वह बहुत अच्छा है। लेकिन गुर्जर समाज के बच्चों के पास मल्टीमीडिया फोन, लैपटॉप नहीं है। इसके कारण समाज के बच्चे इससे वंचित हैं। सरकार ऐसी सुविधा प्रदान करे जिससे समाज के बच्चे भी लाभान्वित हो सकें।
देशराज गुर्जर, उपमंडल अधिकारी (दूरसंचार) केकड़ी

लॉकडाउन में ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी से दूध का भुगतान भी नहीं किया गया। लॉकडाउन में हर चीज की कालाबाजारी हुई, लेकिन गुर्जर समाज ने लोगों तक दूध पहुंचाया और किसी की मजबूरी का फायदा नहीं उठाया। सरकार को सस्ते दाम पर पशुआहार उपलब्ध कराना चाहिए। साथ ही पशुबीमा योजना सरल बनाई जाए, जिससे पशुपालकों को इसका लाभ मिल सके। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान में दिए गए पैकेज में नि:शुल्क टीकाकरण और अन्य लाभ देना समाज के लिए फायदेमंद होगा।
ओमप्रकाश भडाणा, प्रदेशाध्यक्ष ओबीसी मोर्चा

गुर्जर समाज ने दूध की सप्लाई नियमित रूप से जारी रखकर अपना फर्ज निभाया है। सरकार भी पशुओं के लिए काफी गंभीर है। चारे और पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। पशुपालक एवं दूध वितरकों को भी मास्क और सेनिटाइजर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। लॉकडाउन के दौरान गुर्जर समाज ने समर्पित भाव से आमजन की सेवा की है।
नौरत गुर्जर, पूर्व पार्षद

लॉकडाउन में गुर्जर समाज विशेष रूप से प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन में अनाज मंडी तक नहीं पहुंचा। चारा नहीं मिलने और मिला तो महंगा मिलने, दूध विक्रय करने में परेशानी हुई। हलवाईयों की दुकानें बंद होने से दूध खराब हुआ है। ऐसे में गुर्जर समाज के लिए विशेष पैकेज की घोषणा होनी चाहिए, जिससे लॉकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई हो सके।
औंकार गुर्जर, श्रीनगर

कोरोना संक्रमण के दौरान गुर्जर समाज ने सरकार एवं प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जनता का सहयोग किया है। गुर्जर समाज कृषि और पशुपालन से जुड़ा है। गुर्जर समाज ने समय पर दूध, दही और पनीर पहुंचाया और किसी तरह की कालाबाजारी भी नहीं की। समाज की ओर से कई स्थानों पर दिहाड़ी मजदूरों के खाने की व्यवस्था कर राहत पहुंचाई है। इसमें राजस्थान पत्रिका का भी पूरा सहयोग रहा।
रोहित गुर्जर, नसीराबाद

गुर्जर समाज का मुख्य व्यवसाय खेती और पशुपालन है। गुर्जर समाज आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होने के कारण बच्चों के पास मल्टीमीडिया फोन नहीं है। इसके अभाव में वह ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में सरकार की ओर से उन्हें फोन उपलब्ध कराए जाने चाहिएं, जिससे वे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। एमबीसी छात्रवृत्ति दो-दो साल से नहीं मिल रही है। वह उपलब्ध कराई जाए, जिससे समाज के लोगों को संबल मिल सके।
जगदीप सिंह कसाणा, पूर्व चेयरमैन किशनगढ़

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