scriptस्मार्ट सिटी अधिकारियों और ठेकेदारों की मिली भगत से राजकोष को लगी लाखों की चपत: | Millions of losses to the exchequer due to the connivance of smart cit | Patrika News

स्मार्ट सिटी अधिकारियों और ठेकेदारों की मिली भगत से राजकोष को लगी लाखों की चपत:

locationअजमेरPublished: Nov 25, 2021 09:22:56 pm

Submitted by:

bhupendra singh

सावित्री स्कूल रिनोवेशन के दौरान नहीं लिया अस्थाई पानी व बिजली का कनेक्शन
निर्माण कार्य में उपयोग की स्कूल की बिजली

ajmer

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अजमेर.आम आदमी पार्टी अजमेर द्वारा स्मार्ट सिटी अजमेर के कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। पार्टी की प्रदेश महिला शक्ति कीर्ति पाठक ने बताया कि सावित्री बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपए का कार्य हुआ था। जहां पर नियमानुसार बिजली व पानी का अलग से अस्थाई रूप से कनेक्शन ले कर कार्य करवाया जाना चाहिए था लेकिन ठेकेदार द्वारा ऐसा ना कर के स्कूल के बिजली व पानी के कनेक्शन द्वारा ही स्मार्ट सिटी के अंतर्गत होने वाला निर्माण कार्य करवाया। स्कूल प्रधानाध्यापिका की सहमति से उस कार्य के एवज में मात्र 2 माह का 18 हजार का बिल ठेकेदार द्वारा जमा करा दिया गया। कीर्ति पाठक ने बताया कि तरुण अग्रवाल ने आरटीआई के तहत स्कूल के दो सालों के बिजली के बिल लिए हैं जो कि दो लाख रुपए से अधिक है। आश्चर्य की बात यह है कि जब सम्पूर्ण प्रदेश में लॉकडाउन लगा हुआ था तब भी स्कूल के मीटर की रीडिंग ये बता रही है कि बिजली का उपभोग सामान्य से ज्यादा हो रहा था और ठेकेदार द्वारा दो माह के बिजली के बिल को भरना ये दर्शाता है कि स्कूल प्रशासन द्वारा ठेकेदार को स्कूल की बिजली उपयोग करने दी गयी जो कि बिजली बेचने की श्रेणी में आता है। कीर्ति पाठक ने स्मार्ट सिटी अधिकारियों पर ठेकेदार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की ओर से आंखें मूंदने का आरोप लगाते हुए उन को भी कठघरे में लिया और कहा कि ये सब स्मार्ट सिटी के अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत की ओर इशारा करता है। जब हमने पूरे साल के बिल खंगाल कर देखें जहां लगभग ढाई लाख रुपए से ज्यादा के बिलों का भुगतान स्कूल प्रशासन ने ठेकेदार के लिए किया है। ना तो ठेकेदार ने बिजली का कनेक्शन अस्थाई रूप से लिया है और ना ही पानी का। यह साफ -साफ दिखाई देता है कि इसमें ठेकेदार व स्कूल प्रशासन की मिलीभगत है अगर यह 2 लाख रुपए के स्कूल फंड को गबन कर सकते हैं तो फि र स्मार्ट सिटी अजमेर के नाम पर करोड़ों रुपए के कार्य हुए हैं उनका क्या हश्र हुआ होगा।
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