राजाखेड़ा क्षेत्र में प्रशासनिक निगहबानी में 100 से अधिक वैद्य अवैध ईंट भट्टे संचालित हैं। जिनमें पकने वाली ईंटों के लिए प्रतिवर्ष हजारों बीघा मुलायम मिट्टी की आवश्यकता होती है। जिसके लिए वे खेतों की ऊपरी परत का खनन करते हैंं। दो दशकों के निरंतर खनन से अब उपजाऊ मिट्टी का अभाव होता जा रहा है। कीमत कई गुना हो चुकी है। वहीं किसान भी खनन की इजाजत आसानी से नहीं देते, इससे जमीन की उत्पादकता खत्म हो जाती है। अब खनन माफिया गुंडागर्दी पर उतारने लगा है। जिससे डरकर किसान इनको खनन की इजाजत दे दें। ऐसे ही मामले में प्रेमनारायण के खेतों से जबरन खनन के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे अन्य लोग भी डरकर उन्हें इजाजत दे दें।