खनन माफिया ने खेतों को जबरन खोदा
किसानों ने प्रशासन को लगाई गुहार
ईंट-भट्टों में ईंट थापी के लिए मिट्टी का खनन करने वाले खनन माफिया अब दुस्साहसी होते जा रहे हैं। किसानों के खेतों से जबरन मिट्टी का खनन कर रहे हैं। एक मामले में भट्टा नगरी कहे जाने वाले बागर गांव के एक किसान प्रेमनारायण ने उपखंड आधिकारी से खनन माफिया को नियंत्रित कर अपने खेतों के बचाव करने की गुहार लगाई है।

राजाखेड़ा. ईंट-भट्टों में ईंट थापी के लिए मिट्टी का खनन करने वाले खनन माफिया अब दुस्साहसी होते जा रहे हैं। किसानों के खेतों से जबरन मिट्टी का खनन कर रहे हैं। एक मामले में भट्टा नगरी कहे जाने वाले बागर गांव के एक किसान प्रेमनारायण ने उपखंड आधिकारी से खनन माफिया को नियंत्रित कर अपने खेतों के बचाव करने की गुहार लगाई है।
क्या है मामला
राजाखेड़ा क्षेत्र में प्रशासनिक निगहबानी में 100 से अधिक वैद्य अवैध ईंट भट्टे संचालित हैं। जिनमें पकने वाली ईंटों के लिए प्रतिवर्ष हजारों बीघा मुलायम मिट्टी की आवश्यकता होती है। जिसके लिए वे खेतों की ऊपरी परत का खनन करते हैंं। दो दशकों के निरंतर खनन से अब उपजाऊ मिट्टी का अभाव होता जा रहा है। कीमत कई गुना हो चुकी है। वहीं किसान भी खनन की इजाजत आसानी से नहीं देते, इससे जमीन की उत्पादकता खत्म हो जाती है। अब खनन माफिया गुंडागर्दी पर उतारने लगा है। जिससे डरकर किसान इनको खनन की इजाजत दे दें। ऐसे ही मामले में प्रेमनारायण के खेतों से जबरन खनन के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे अन्य लोग भी डरकर उन्हें इजाजत दे दें।
वहीं पीडि़त का आरोप है कि वह किसान है। खेती ही उसकी जीवनरेखा है। वह कैसे अपने खेतों की उपजाऊ मिट्टी दे दे। उसके तो बच्चे भूखे मर जाएंगे। प्रेमनारायण ने अपने खेतों को माफिया से बचाने की गुहार लगाई है।
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