नंदनगर में हुई गैस दुखांतिका को लेकर जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने घटना स्थल पहुंचकर आस-पास के लोगों से मामले की जानकारी ली। मंडल अध्यक्ष व सभापति ने बताया कि यहां पर हादसे से कुछ समय पहले मायरे की रस्म अदा की गई थी। गनीमत रही की हादसे के कुछ समय पहले ही यहां से अधिकांश लोग निकल गए थे, अन्यथा हादसा और गंभीर हो सकता था। हादसे के बाद छत पीछे की ओर भरभराकर गिर गई। जिस कमरे पर छत गिरी उसी कमरे में मायरा भरने वाले व अन्य बैठे थे।
जहां पर सबसे अधिक शव मिले उस जगह का भी उन्होंने मुआयना किया। यहां से जलदाय मंत्री दूल्हे के घर पहुंचे, जहां उन्होंने परिजन को ढांढस बंधाया। परिजन ने कहा कि उनका एक बेटा भीलवाड़ा में भर्ती है, जबकि अन्य घायलों का जयपुर में उपचार चल रहा है। गोयल ने कहा कि इस मामले में चिकित्सा मंत्री पूरी नजर रखे हुए हैं। सभी चिकित्सकों को बेहतर उपचार के लिए निर्देशित किया गया है।
पत्रकारों से बातचीत में जलदाय मंत्री गोयल ने कहा कि सरकार ने घटना के बाद यहां का दौरा किया था। उस समय सभी को सहायता राशि दिए जाने का आश्वासन दिया है। घायलों का उपचार प्राथमिकता है। रिपोर्ट आने के बाद सभी को राशि जारी कर दी जाएगी।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की ओर से लगाए गए मुआवजा राशि में भेदभाव के आरोपों पर उन्होंने कहा कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। इसी कारण वह इसे तूल दे रहे हैं। यदि आगे सरकार को महसूस होगा तो मुआवजा राशि और तय कर दी जाएगी। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष जयकिशन बल्दुआ, दिनेश कटारिया, सभापति बबीता चौहान, आयुक्त सुखराम खोखर, उपसभापति सुनील मूंदडा, पार्षद मंगतसिंह मोनू, नरेश कनोजिया, देवेन्द्र सैन, अंगतराम अजमेरा, राधेश्याम प्रजापत, विनोद खाटवा, नरेन्द्र चौहान, हेमंत कुमावत आदि मौजूद थे।
यह है मामला ब्यावर के नंदनगर स्थित कुमावत पंचायत भवन में शादी समारोह में मायरे की रस्म के दौरान सिलेंडरों में गैस रिफिलिंग के दौरान हुए हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें दो लोगों के शव हादसे के बाद मौके पर मिले। दो दिन में भवन के मलबे से 17 लोगों के शव निकाले गए, जबकि एक की जयपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई थी।