मारपीट पर उतारू हो गए पुलिस के अनुसार मिराज मॉल प्रबंधक बजाड़ ने रिपोर्ट दी कि प्रबंधन ने व्यापारियों को मॉल की दुकानें लीज पर दे रखी हैं। व्यापारियों की ओर से लम्बे समय से मेंटीनेंस खर्च, बिजली-पानी बिल व दुकानों का किराया नहीं दिया जा रहा। गत 15 जून को मॉल में व्यापारियों की मीटिंग में दुकानदार मयंक टंडन, बंटी टंडन, विकास जैन व सुमित गुर्जर समेत अन्य अनर्गल आरोप लगाते हुए मारपीट पर उतारू हो गए। उन्होंने दुकानदारों को बकाया किराया, बिजली, पानी व मेंटीनेंस खर्च नहीं देने के लिए उकसाया व मॉल के बाहर धरना प्रदर्शन की धमकी दी।
जबरन वसूली का आरोप उधर किरायदार मयंक टंडन ने रिपोर्ट में बताया कि उसकी माताजी ऊषा टंडन ने मॉल में द्वितीय मंजिल पर दो संपत्ति खरीदी थीं। संपत्ति खरीद के वक्त मॉल स्वामित्व की ओर से रजिस्ट्री में जमीन का नक्शा लगाया, जबकि उन्हें आश्वासन दिया कि व्यवसाय शुरू करेंगे तब नगर निगम का स्वीकृत व्यवसायिक नक्शा मिल जाएगा। चार साल से स्वीकृत व्यवसायिक नक्शा मांगने पर सिर्फ आश्वासन मिलता है। प्रबंधन अपनी मर्जी से विद्युत कनेक्शन काट देता है और सुविधाओं पर ताला लगाकर जबरन पैसा वसूली करना चाहता है।