पत्रिका के 2 दिसम्बर के अंक में ‘आंखों की रोशनी छिनी. . .फिर काम और आशियाना!Ó शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद शुक्रवार को जेएलएन अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश पोरवाल ने मिथुन की आंखों की जांच की। जांच के बाद डॉ. पोरवाल ने मिथुन को अस्पताल के नेत्र रोग वार्ड में भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया। आगामी कुछ दिन जांच व दवाइयों के बाद मिथुन की आंखों का ऑपरेशन संभव हो सकेगा। डॉ. पोरवाल ने बेसहारा मिथुन को अस्पताल से सभी सुविधाएं दिलवाने का विश्वास दिलाया।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र मुम्बई के घाटकोपर निवासी मिथुन शहर में कलर पेंटर का काम करता था लेकिन करीब एक साल पहले दुर्घटना के बाद अत्यधिक मात्रा में एक साथ दवाइयां खाने से उसकी आंखों की रोशनी चली गई। दिहाड़ी मजदूर मिथुन की आर्थिक हालात बिगडऩे पर वह फुटपाथ पर आ गया।
अनवर बना हमदर्द मिथुन के दर्द में आजाद पार्क के सामने नगर निगम के आश्रय स्थल के मैनेजर खानपुरा निवासी अनवर खान हमदर्द बनकर सामने आया। बजरंगगढ़ से उठाकर आश्रय स्थल पहुंचे मिथुन को अनवर खान ने सहारा दिया। वह मिथुन की देखभाल में भी लगा है। चिकित्सकों के कहने पर अनवर ने मिथुन की दो दिन पहले कोविड-19 टेस्ट करवाया था। कोविड टेस्ट नेगेटिव आने के बाद ही उसका उपचार शुरू हो सका।