अजमेर. सेन्ट्रल जेल अजमेर की चारदीवारी के भीतर की जमीन से मोबाइल फोन समेत आपत्तिजनक वस्तुएं ‘उपज Ó रही है। बीते 10 दिन में जेल से 37 से ज्यादा मोबाइल फोन समेत अन्य आपत्तिजनक सामग्री की बरामदगी की जा चुकी है लेकिन सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बंदियों के बैरक, आसपास ली जाने वाली तलाशी में मोबाइल फोन की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। बैरक में लगातार मिलते मोबाइल फोन ने सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
यहां किए बरामद मंगलवार को जेल प्रशासन की ओर से बैरक नम्बर 4, 7 व 13 की तलाशी ली गई। तलाशी में 5 मोबाइल फोन और 3 डेटा केबल बैरक शौचालय व पेड़-पौधे के पास जमीन में दबाकर- छिपाकर रखे गए थे। जेल प्रहरी चंदा चौधरी की ओर से सिविल लाइन थाने में कारागार अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया गया।
सुबह, शाम, रात में तलाशी
सेन्ट्रल जेल में बंदियों के मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने सुबह, शाम, रात में अचानक तलाशी ली है। ऐसे में बंदियों को ना तो मोबाइल फोन पर बात करने का समय मिल पाता है ना उसको छिपाने का। ऐसे में बंदी बैरक के आसपास, टॉयलेट की दीवार, छत, पेड़-पोधे के पास की मिट्टी में दबा देते हैं।
10 दिन में 11 मुकदमे दर्ज
जेल प्रशासन की ओर से अब तक 10 दिन में 37 मोबाइल फोन की बरामद किए जा चुके हैं। इसमें एक दिन में दो मुकदमें दर्ज हुए जबकि अन्य 7 दिन में प्रतिदिन एक-एक मुकदमा सिविल लाइन थाने में दर्ज करवाया जा चुका है। पुलिस बरामद मोबाइल फोन व सिमकार्ड की सीडीआर खंगाल रही है।
अब तक 37 मोबाइल बरामद 28 नवम्बर : 14 मोबाइल फोन, चार्जर अन्य सामान
30 नवंबर : 5 मोबाइल फोन 2 दिसंबर : 4 मोबाइल फोन, सिम, पेनड्राइव, डेटा केबल
3 दिसंबर : 3 मोबाइल फोन, बैटरी, हीटर स्प्रिंग
4 दिसम्बर : 2 मोबाइल फोन
5 दिसम्बर : 4 मोबाइल फोन 7 दिसम्बर : 5 मोबाइल फोन
इनका कहना है कारागार में 28 नवम्बर से बंदियों की बैरक की तलाशी ली जा रही है। अब तक 37 मोबाइल फोन की बरामदगी के साथ 11 मुकदमे दर्ज करवाए जा चुके हैं। समय बदल-बदलकर तलाशी ली जाती है। ताकि बंदियों को टाइम का आभास ना हो सके।
मुकेश भाटी, जेलर अजमेर सेन्ट्रल जेल