तारागढ़ पर गमगीन माहौल में शिया समुदाय के बच्चे,बड़े और युवा नें ब्लेड,जंजीर से खुद को लहूलुहान कर हजरत इमाम हुसैन व उनके साथ शहीद हुए साथियों को खिराजे अकीदत पेश की।
इमामबारगाह में दोपहर को हजरत हुसैन और उनके साथियों पर हुए जुल्मोसितम के बारे में बताया तो सभी की रुलाई फूट पड़ी।
जुल्मोसितम के बारे में बताया तो सभी की रुलाई फूट पड़ी।
नगाड़े के साथ दुलदुल शरीफ,हजरत अब्बास के अलम व जरीह मुबाकर को मंजिल दी गई।