scriptपुष्कर सरोवर में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी | More than two lakh devotees took the plunge of faith in Pushkar Sarova | Patrika News

पुष्कर सरोवर में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

locationअजमेरPublished: Nov 12, 2019 06:44:01 pm

Submitted by:

baljeet singh

पंचतीर्थ महास्नान का भी समापन
 
 

पुष्कर सरोवर में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

पुष्कर सरोवर के घाट पर कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथी को स्नान के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

पुष्कर. कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर दो लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई। इसी के साथ ही एकादशी से किया जा रहा पंचतीर्थ महास्नान और धार्मिक पुष्कर मेला संपन्न हो गया।
मंगलवार को ब्रह्म महूर्त से ही सरोवर में स्नान शुरू हो गया। रंगबिरंगे परिधान पहने श्रद्धालुओं से सरोवर के 52 घाटों की छटा सतरंगी हो गई। तीर्थ पुरोहितों के वेदमंत्रों के उच्चारण के बीच श्रद्धालुओं ने ब्रह्मा के सतयुगी पुष्कर तीर्थ की पूजा अर्चना व नमन किया। जिला प्रशासन की ओर से घाटों पर पुलिस सुरक्षा के साथ साथ पुलिस के एसडीआरएफ टीम के जवान मुस्तैद कर दिए गए तथा रेस्क्यू टीम में सहयोग में मुस्तैद रही। अतिरिक्त कार्यपालक मजिस्टे्रट नियुक्त किए गए। पुष्कर सरोवर में स्नान करने के लिए सोमवार की पूरी रात पैदल ही श्रद्धालुओं की आवक शुरू हो गई। एक तरफा यातायात कर दिया गया। मेला मैदान पशुओं से खाली होने की कगार पर है। लेकिन घोड़ों के व्यापारी अभी भी पुष्कर मे ही डटे हुए है।
पुष्कर मेले का रंगारंग समापन

पुष्कर. मेला मैदान में रंगारंग प्रतियोगिताओं के साथ पुष्कर पशु मेले का समापन हुआ। जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने प्रतियोगिताओं में विजेताओं को पुरस्कृत किया। मेले की शुरूआत स्कू ली छात्राआें की ओर से सामूहिक राजस्थानी नृत्य के साथ हुई। इसके बाद रोबीलों ने ऊंटों पर सवार होकर राजस्थान की आन बान शान का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कालेबेलिया नृत्य करती महिला कलाकारों ने ऩृत्य प्रस्तुत किया। वहीं पाबूसर (चूरू) निवासी कलाकारों ने चंग पर नृत्य प्रस्तुति देकर तालियां बटोरी। कस्बे के ऊंट शृंगारक अशोक टाक ने छैल छबीलो म्हारो नखराळो ऊंट को सजाकर मेला मैदान में घुमाया। इसके साथ नृत्य करती बल खाती विदेशी महिला पर्यटक ने सबका मनमोह लिया। डांडिया नृत्य के साथ साथ बैण्ड धुन सबको भा गई। घुड़सवारों की ओर से एक के बाद एक करतब दिखा कर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। कच्छी घोड़ी नृत्य भी हुआ।
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