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बच्चों को लिए पिता की बजाय माताएं ज्यादा चिंतित

locationअजमेरPublished: May 09, 2019 01:24:57 pm

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CP

सरकारी स्कूलों में बालसभाओं की स्थिति
कुछ स्कूलों में खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों, कुछ जगह मात्र औपचारिकता

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बच्चों को लिए पिता की बजाय माताएं ज्यादा चिंतित

अजमेर. बच्चों की पढ़ाई की बात हो चाहे उनकी गतिविधियों पर नजर व कार्यकलापों को जानने के लिए पिता की बजाय माताएं ज्यादा चिंतित हैं। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की प्रगति को जानने एवं वर्षभर का रिपोर्ट कार्ड लेने के लिए भी माताएं अग्रणी नजर आईं।
सरकारी स्कूलों में गुरुवार को बालसभाओं का आयोजन किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बाल सभाएं गांव के मध्य सार्वजनिक स्थल/ भवन आदि में आयोजित हुई वहीं शहरी क्षेत्रों में स्कूल परिसर में ही बालसबाएं आयोजित की गई। इसमें बच्चों के अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया। इन बाल सभाओं में पुरुषों के मुकाबले महिला अभिभावकों की उपस्थिति देखने को मिली। इस दौरान स्कूलों में सांस्कृतिक एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। स्कूलों में साइकिल रेस, बेलून रेस, वॉलीबॉल, बैडमिंटन सहित कई खेलकूद हुए। बालसभाओं के माध्यम से विद्यालय प्रशासन एवं अधिकारियों की ओर से राजीव गांधी पोर्टल, विद्यार्थियों के हित की कल्याणकारी योजनाओं आदि की जानकारी दी गई।
कई स्कूलों में अभिभावकों का रहा इंतजार

कई सरकारी स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाएं अभिभावकों का इंतजार करते नजर आए। शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावक जहां दिहाड़ी मजदूरी के चक्कर में स्कूल नहीं पहुंचे तो कुछ जगह स्कूल प्रशासन की ओर से अभिभावकों तक सूचना ही नहीं पहुंची।
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