केस-1 उपायुक्त गजेन्द्र सिंह रलावता के नेतृत्व में सरक्यूलर रोड आनंद नगर के सामने निर्माणाधीन भवन पर निगम टीम पहुंची। वहां पर सुमिता सोमानी/भगवानदास (सांई इंटेक प्राइवेट लिमिटेड) जी प्लस 2 मंजिल का कॉमर्शियल नक्शा पास है। जबकि मौके पर मानचित्र के विपरीत साईड सैटबैक एवं बैक सैटबैक में अवैध निर्माण होना मिला। नगर निगम की ओर से 16 मार्च को नोटिस देकर सैटबैक का अवैध निर्माण हटाने का आदेश देने के बावजूद मालिक ने अवैध निर्माण नहीं हटाया। जिस पर निगम की ओर से सीजिंग की कार्रवाई की गई।
केस-2
केस-2
वैशाली नगर मुख्य रोड पर बेसमेंट जी प्लस 4 का निर्माण दो भूखण्डों को मिलाकर किया जा रहा था। जबकि इस मामले में नियमानुसार सैटबैक छोड़ते हुए दोनों निर्माण को स्वीकृत मानचित्र अनुसार पृथक-पृथक करने के लिए 16 मार्च और 20 जून को नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन नोटिस की पालना नहीं करने पर नगर निगम दल ने भवन को सीज कर सील-चपड़ी लगा दी। इस दौरान भवन मालिक ने सीज का हल्का विरोध भी किया, लेकिन निगम के अधिकारियों ने उसे दरकिनार कर सीज कर दिया।
इनकी थी टीम कार्रवाई में नगर निगम सचिव पवन मीणा, आरओ प्रकाश डूडी, सहायक अभियंता पिंकी सिंगारिया व मधुलिका और कर निर्धारक पुरूषोत्तम पंवार सहित कई कर्मचारी और अधिकारी शामिल रहे। शहर में कई हैं अवैध निर्माण
कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान शहर में कई स्थानों पर अवैध निर्माण हो गए। राजस्थान पत्रिका की ओर से समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद नगर निगम की ओर से सर्वे कराए जाने के बाद नोटिस जारी किए गए हैं। निगम के अधिकारियों के अनुसार नोटिस की मियाद पूरी होने पर कार्रवाई की जाएगी।