यहां अभी भी चल रहा है विवाद डिस्कॉम की आईपीडीएस योजना के तहत तोपदड़ा से श्रीनगर रोड, रेलवे सेकेंड्री गेट, मित्तल अस्पताल से पुलिस चौकी तक , फायसागर रोड तथा अंडरग्राउंड केबलिंग का कार्य किया गया। माकड़वाली रोड भैरूवाड़ा, पंचशील तक आईपीडीएस के तहत काम हो गया लेकिन ओवरहेड लाइन नहीं हटाई गई। धोलाभाटा में भूमिगत केबलें डाली गई हैं। यहां नगर निगम ने अजमेर डिस्कॉम के सीमेंट पोल पर ही लाइटें लगा रखी हैं, इन्हें आेवरहेड लाइनों से जोड़कर संचालित किया जा रहा है। तारों का जाल हटते ही नगर निगम यहां लाइटों को भूमिगत केबल के जरिए जोड़ देगा। इससे सड़क से तारों का जाल हट जाएगा और सड़क खुली-खुली नजर आए। लेकिन यहां टाटा पावर व अजमेर डिस्कॉम की बीच हेंडओवर टेकओवर का विवाद है।
उद्देश्य से भटकी योजना अजय नगर रोड ,रीजनल कॉलेज चौराहे से फाई सागर पुलिस चौकी तक और तोदड़ा चर्च रोड से श्रीनगर रोड तक करोड़ों रूपए खर्च कर आईपीडीएस योजना के तहत सड़कों की खुदाई कर विद्युत लाइनों को भूमिगत करने के लिए केबलें डाली गई। लेकिन अभी तक इन रोड पर ओवरहेड वायर लगे हुए हैं। जिस उद्देश्य से आईपीडीएस का कार्य किया गया वह अब तक टाटा पावर की मनमर्जी के कारण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। निगम के अनुसार टाटा पावर द्वारा शटडाउन नहीं देने के कारण अभी तक अजमेर डिस्कॉम द्वारा ओवरहेड वायर व पोल नहीं हटाए जा सके। इससे आईपीडीएस योजना उद्देश्य से भटकती नजर आ रही है।
पत्रिका ने प्रुखता से उठाया मामला शहर में करीब 88 करोड़ रूपए खर्च करने के बाद भी प्रमुख चौराहों व सड़कों पर तार खंभों का जाल नहीं हटाया जा सका। डिस्कॉम व टाटा पावर के बीच हेंडओवर टेकओवर का विवाद के कारण कई सड़कों पर रोड लाइटें नहीं लग सकने के कारण शहर की कई सड़कों व मोहल्लों मेंअंधेरा पसरा होने का मामला पत्रिका नें 8 मार्च के अंक में प्रमुखता से उठाया था। मामला डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक तक पहुंचने और उनके निर्देश के बाद कई जगह पुन: काम शुरु हुआ लेकिन अभी तक विवाद खत्म नहीं हुआ।
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