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कोरोना का असर : घंटे-घडिय़ाल की गूंज मंद,श्रद्धालु घर में बंद

locationअजमेरPublished: Mar 27, 2020 12:43:52 am

Submitted by:

suresh bharti

लॉकडाउन के चलते चैत्र नवरात्र पर घरों पर ही कर रहे आराधना, ठाकुरजी के कपाट बंद, पुजारी नियमित कर रहे पूजा, भजन-जयकारे व रामायण की चौपाइयों की गूंज गायब, अजमेर शहर के प्रमुख मंदिरों में पसरा सन्नाटा

कोरोना का असर : घंटे-घडिय़ाल की गूंज मंद,श्रद्धालु घर में बंद

ajmer ambe mata …bajaranggar

अजमेर. जिले में इस बार चैत्र नवरात्र की रौनक गायब है। ऐसा सत्तर साल बाद पहली बार हुआ है। जिले के प्रमुख माता मंदिरों व अन्य देवालयों में न विद्युत सजावट की गई और न ही घंटे-घडिय़ाल बजे।
मंदिरों के बाहर पूजन सामग्री बेचने वाले गायब हैं। अजमेर का प्रमुख अम्बे माता मंदिर नवरात्र में आबाद रहता था। आज वहीं सन्नाटा है। बजरंगगढ़ के हनुमान मंदिर में कोई नजर नहीं आ रहा। श्रद्धालु नवरात्र पर व्रत तो कर रहे हैं,लेकिन मातारानी के दर्शन नहीं हो पा रहे।
घरों में ही जागरण

लोग घरों में ही जागरण-पूजन करने में जुटे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हुए लॉक डाउन ने लोगों की दिनचर्या बदलनी शुरू कर दी है। इसमें पूजा-पाठ भी शामिल है। चैत्र नवरात्र की शुरुआत 25 मार्च से हुई है। 26 मार्च को लोगों ने घरों में मां ब्रह्मचारिणी का पूजन किया। लोगों ने पुष्प, रोली, चावल, और अन्य सामग्री से माता-पूजा अर्चना की।
घर ही बने मैया के मंदिर….

हर साल चैत्र और शारदीय नवरात्र में प्राचीन चामुंडा मंदिर, मेहन्दीपुर बालाजी, मेहन्दी खोला माता मंदिर, बजरंगढ़ स्थित अम्बे माता मंदिर, नौसर घाटी स्थित नौसर माता मंदिर, दुर्गा मंदिर और काली मंदिर रामगंज, लोहाखान स्थित वैष्णोदेवी मंदिर, जतोई दरबार नगीना बाग और अन्य मंदिरों में हजारों लोग दर्शन को उमड़ते हैं।
फोटो पर लाल चुनरी

इस बार स्थिति अलग है। मंदिरों में सिर्फ पुजारी नित्य पूजन में जुटे हैं। लिहाजा लोगों ने घरों में भी अम्बे माता की फोटो-तस्वीर लगाकर मंदिर बना लिए हैं। फोटो पर लाल चुनरी, श्रीफल चढ़ाकर भोग लगाया जा रहा है। कुछ लोग फेसबुक-यू-ट्यूब पर आरती सुनकर और घंटी-शंख बजाकर पूजन कर रहे हैं।
यूं कर सकते हैं पूजन

-फूलों की माला, पान का पत्ता नहीं मिले तो चढ़ा सकते हैं बगीचे में लगे फूल-पत्ते

-लकडिय़ां ना हो तो गोबर के उपलों से कर सकते हैं हवन
-मिष्ठान-पकवान नहीं हों तो चावल-गुड़ की लापसी, हलवे से लगाएं भोग
-लाल चुनरी के बजाय कोई भी साधारण लाल कपड़ा कर सकते हैं इस्तेमाल

कोरोना संक्रमण के चलते रखएं सावधानी

– संभव हो तो लॉक डाउन को देखते हुए नौ दिन तक निराहार वाले व्रत-उपवास को टालें
-मधुमेह, रक्तचाप और अन्य गंभीर रोगी ना करें व्रत
-दूध, फल और अन्य पौष्टिक आहार लें काम में

-व्रत-उपवास में जरूर करें एक वक्त भोजन
-गले मे कफ-खराश हो तो गर्म पानी से करें गरारे
-बुखार-जुखाम हो तो तत्काल चिकित्सक से लें परामर्श
(जैसा जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर (डॉ). श्याम भूतड़ा ने बताया)

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