scriptइस बार अश्व पर सवार होकर आएंगी मातारानी | Navrata- This time Matarani will come riding on horseback | Patrika News
अजमेर

इस बार अश्व पर सवार होकर आएंगी मातारानी

शारदीय नवरात्र 17 से : इस बार मंदिरों में नहीं होंगे विशेष आयोजन, भक्त घर पर कर सकेंगे पूजा-अर्चना

अजमेरSep 29, 2020 / 11:53 pm

baljeet singh

इस बार अश्व पर सवार होकर आएंगी मातारानी

इस बार अश्व पर सवार होकर आएंगी मातारानी

अजमेर. श्राद्ध पक्ष के ठीक बाद शुरू होने वाले शारदीय नवरात्र इस वर्ष एक माह बाद शुरू होंगे। इस साल श्राद्ध पक्ष की समाप्ति के साथ ही अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास शुरू हो जाने से इस बार कई त्योहार आगे बढ़ गए हैं। ऐसे में इस बार नवरात्र का आरंभ 17 अक्टूबर से होने जा रहा है। ऐसे में इस बार मां दुर्गा का आगमन अश्व यानी घोड़े पर होगा, जबकि देवी मां प्रस्थान हाथी पर करेंगी। वहीं कोरोना के कारण इस बार मंदिरों में विशेष आयोजन नहीं होंगे। भक्तों को घर पर ही मातारानी की पूजा अर्चना करनी पड़ेंगी। रामलीला व दशहरा पर रावणदहन के विशाल कार्यक्रम भी नहीं होंगे। ज्योतिष से जुड़े लोगों का कहना है कि ज्योतिषशास्त्र और देवीभागवत पुराण के अनुसार मां दुर्गा का आगमन भविष्य में होने वाली घटनाओं का भी संकेत देता है। यूं तो मां दुर्गा का वाहन सिंह को माना जाता है। लेकिन हर साल नवरात्र के समय तिथि के अनुसार माता अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं। यानी माता सिंह की बजाय दूसरी सवारी पर सवार होकर भी पृथ्वी पर आती हैं।
… तो हाथी पर आएंगी
देवीभागवत पुराण में भी कहा गया है कि अगर नवरात्र का आरंभ सोमवार या रविवार को हो तो इसका मतलब है कि माता हाथी पर आएंगी। वहीं शनिवार और मंगलवार को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा हो तो माता रानी अश्व पर आती हैं। वहीं शनिवार और मंगलवार को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा यानी कलश स्थापना हो, तब माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र का आरंभ हो रहा हो तब माता डोली पर आती हैं। बुधवार के दिन नवरात्र पूजा आरंभ होने पर माता नाव पर आरूढ़ होकर आती हैं।
उथल-पुथल संभव

इस बार नवरात्र का आरंभ शनिवार को हो रहा है। ऐसे में देवीभागवत पुराण के श्लोक के अनुसार माता का वाहन अश्व होगा। अश्व पर माता का आगमन छत्रभंग, पड़ोसी देशों से अशांति, आंधी तूफान लाने वाला होता है। ऐसे में आने वाले साल में कुछ राज्यों में सत्ता में उथल-पुथल हो सकता है। सरकार को किसी बात से जन विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है।
नवरात्र में कई विशेष योग बनेंगे
17 अक्टूबर सर्वार्थ सिद्धि योग

18 अक्टूबर त्रिपुष्कर योग

19 अक्टूबर सर्वार्थ सिद्धि योग

20 अक्टूबर कुमार व रवि योग
24 अक्टूबर सर्वार्थ सिद्धि योग

25 अक्टूबर रवि योग एवं दशहरा मुहूर्त स्वयं सिद्ध मुहूर्त
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो