जो लगे उनमें भी खराबी फर्म द्वारा लगाए गए 5 हजार 794 मीटर में से भी सिर्फ 5 हजार 209 डीटी एएमआर का ही डाटा कम्यूनिकेट हो रहा है। वहीं केवल 579 हाई वोल्टेज (एलआईपी,एमआईपी श्रेणी) उपभोक्ता के एएमआर लगाया गया है उनमें भी केवल 454 का डाटा ही कम्यूनिकेट हो रहा है। जबकि 10 हजार 362 उद्योगों में डीटी मीटरिंग होनी है।
तो होती करोंड़ों की बचत डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर (डी.टी.),ऑटोमैटिक मीटर रीडिंग(एमएमआर) से डिस्कॉम को सभी डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर का ऑन लाइन डाटा प्राप्त होगा। जिससे प्रत्येक डीटी पर कुल लोड, कुल विद्युत उपभोग व लोड बैलेंसिंग जैसे डाटा मिलते ही जिस क्षेत्र में विद्युत छीजत व लोड पोजीशन जान कर छीजत में कमी व ट्रांसफार्मर फेल होने से बचाया जा सकेगा। जिससे डिस्कॉम को सालाना करोड़ों रूपए का लाभ होगा। ट्रांसफार्मर पर अधिक लोड होने पर बड़े या अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाए जा सकते हैं। बार-बार बिजली गुल होने की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
पूर्व की डीटी मीटरिंग को हटाया डिस्कॉम के अजमेर जिले मे वर्ष 201-12 में भी डीटी मीटरिंग का कार्य फर्म ओमनीगेट के द्वारा किया गया था। जिसमें डिस्कॉम ने करोड़ों रूपए का भुगतान फर्म को किया था। फर्म ने पुरानी 2 जी टेक्नोलॉजी का उपयोग किया, बाद में टेक्नोलॉजी बंद हो गई। फर्म ने कुछ उपकरण खुले में ही लगा दिए जो बरसात में खराब हो गए। ट्रांसफार्मर बदलने के दौरान भी कुछ टूट गए। डिस्कॉम की लापरवाही के चलते डीटी मीटरिंग सिस्टम का किसी भी प्रकार उपयोग नहीं हो सका। पूर्व में की गई डीटी मीटरिंग को गैर आधिकारिक तौर से हटा दिया गया और अब फिर से दोबारा डीटी मीटरिंग का ठेका दे दिया गया। पूर्व मे हुई डीटी मीटरिंग का निगम अभियंताओं ने किसी भी प्रकार का कोई उपयोग नहीं लिया व ना ही भुगतान के लिए दोषी अभियंताओ पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
इनका कहना है काम स्लो है, कुछ कोविड का भी असर है। प्रोजेक्ट की मोनेटरिंग की जा रही है, कम्पनी को पत्र लिखा है। जो कमियां है उसे दूर करना होगा। देरी के लिए पेनाल्टी भी लगाई जाएगी।
एम.एस.झाला, मुख्य अभिंयता (आईटी),अजमेर डिस्कॉम read more:
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